अडाणी समूह में 20,000 करोड़ रुपये के निवेश का मामला क्या है, जिस पर उठे सवाल?
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद विवादों में घिरे अडाणी समूह पर कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी ने नया आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अडाणी समूह की शेल कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जिनमें से कुछ रक्षा कंपनियां हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि रक्षा मंत्रालय इस पर अडाणी समूह से कोई सवाल क्यों नहीं पूछ रहा है। आइए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।
मामले में अडाणी समूह पर क्या आरोप हैं?
राहुल ने अपने आरोपों के पीछे स्पष्ट रूप से किसी जानकारी के स्रोत का खुलासा नहीं किया। हालांकि, उनके आरोप हाल ही में सामने आई फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के साथ मेल खाते हैं, जिसमें भारत के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) डाटा का विश्लेषण किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया था कि अडाणी समूह में FDI का लगभग आधा हिस्सा उद्योगपति गौतम अडाणी के परिजनों से जुड़ी शेल कंपनियों से ही आया था।
रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
रिपोर्ट के मुताबिक, अडाणी परिवार से जुड़ी शेल कंपनियों ने वर्ष 2017 और 2022 के बीच अडाणी समूह में कम से कम 2.6 अरब डॉलर (करीब 21,3,68 करोड़ रुपये) का निवेश किया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडाणी समूह से जुड़ी शेल कंपनियों से निवेश आने की पूरी सीमा और भी अधिक होने की संभावना है क्योंकि FDI डाटा केवल विदेशी निवेश के एक हिस्से को ही दर्शाता है।
अडाणी समूह को किन कंपनियों से मिला निवेश?
अडाणी समूह सितंबर. 2022 तक भारत के सबसे बड़े FDI प्राप्तकर्ताओं में से एक था। FDI के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, देश में हुए कुल निवेश में से 6 प्रतिशत निवेश केवल अडाणी समूह को मिला था। बतौर रिपोर्ट्स, अडाणी समूह को मिले 2.6 अरब डॉलर में से 52.6 करोड़ डॉलर अडाणी परिवार से जुड़ी मॉरीशस की 2 कंपनियों से आए थे, जबकि लगभग 2 अरब डॉलर अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी से आए थे।
राहुल ने क्या आरोप लगाए हैं?
राहुल ने कहा कि यह पता लगना चाहिए कि निवेश का यह पैसा कहां से आया और यह किसका पैसा है। उन्होंने पूरी प्रक्रिया में एक चीनी नागरिक की संदिग्ध भूमिका पर भी सवाल उठाया। राहुल ने कहा कि कोई यह सवाल क्यों नहीं पूछ रहा है कि यह चीनी नागरिक कौन है। इंडिया टुडे के मुताबिक, इस चीनी नागरिक का जिक्र हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में ताइवान में अडानी समूह के प्रतिनिधि के रूप में हुआ था।
राहुल हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर भी साध चुके हैं अडाणी पर निशाना
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में गौतम अडाणी पर 'कॉर्पोरेट जगत की सबसे बड़ी धोखाधड़ी' का आरोप लगाया था। इस पर राहुल ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गौतम अडाणी के बीच ऐसा क्या रिश्ता है कि अडाणी इतनी जल्दी दुनिया के अमीरों की सूची में ऊंचे पायदान पर पहुंच गए। बता दें कि रिपोर्ट आने के बाद अडाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट हुई थी और अडाणी की व्यक्तिगत संपत्ति भी काफी नीचे गिर गई थी।