हिंडनबर्ग रिसर्च को अडाणी समूह का जवाब, रिपोर्ट को बताया 'भारत और इसके संस्थानों पर हमला'
अडाणी समूह ने रविवार को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का 413 पन्नों का विस्तृत जवाब जारी किया है। इसमें समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को भारत, इसके संस्थानों और भारत की विकास गाथा पर सुनियोजित हमला बताते हुए कहा कि उसके सभी आरोप झूठे हैं। इस रिपोर्ट का उद्देश्य अमेरिकी कंपनियों के फायदे के लिए बाजार तैयार करना है। बता दें कि यह रिपोर्ट सामने आने के बाद अडाणी समूह को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में गौतम अडाणी पर 'कार्पोरेट जगत की सबसे बड़ी धोखाधड़ी' का आरोप लगाया है। अडाणी समूह के शेयरों की सार्वजनिक बिक्री शुरू होने से पहले यह रिपोर्ट सामने आई थी। पिछले हफ्ते आई इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अडाणी समूह की कंपनियों पर इतना कर्ज है, जो पूरे समूह को वित्तीय तौर पर अधिक जोखिम वाली स्थिति में खड़ा कर देता है।
अडाणी समूह ने रिपोर्ट में दी जानकारी को बताया गलत
अडाणी समूह ने कहा कि यह रिपोर्ट आधे-अधूरे तथ्यों और झूठी गलत जानकारी से तैयार की गई है। इसकी मंशा कंपनी को बदनाम करना है। हिंडनबर्ग झूठे आरोप लगाकर सिक्योरिटीज मार्केट में अपनी जगह बनाना चाहती है। समूह ने सभी कानूनों और नियमों के पालन की बात दोहराते हुए कहा कि यह रिपोर्ट न ही निष्पक्ष है और न ही स्वतंत्र। इसमें रिसर्च की कमी भी है। अपने स्वार्थ के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च ने यह रिपोर्ट जारी की है।
अडाणी समूह ने रिपोर्ट के समय पर उठाया सवाल
गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले समूह ने रविवार को अपने जवाब में कहा कि यह चिंताजनक है कि हजारों किलोमीटर दूर एक संस्था, जिसकी कोई विश्वसनीयता और नैतिकता नहीं है, वह समूह के निवेशकों पर अप्रत्यक्ष तौर पर नकारात्मक असर डाल रही है। रिपोर्ट के समय पर सवाल उठाते हुए समूह ने कहा कि यह अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के FPO (फॉलोऑन पब्लिक ऑफर) आने से दो दिन पहले आई है। ऐसे में हिंडनबर्ग ने अपनी बदनियती का परिचय दिया है।
हिंडनबर्ग ने अपने फायदे के लिए जारी की रिपोर्ट- अडाणी समूह
413 पन्नों के जवाब में लिखा गया है कि शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने गलत तरीके से असंख्य निवेशकों को दांव पर लगाकर अपने आर्थिक फायदे के लिए यह रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट जारी कर हिंडनबर्ग ने नियमों का भी उल्लंघन किया है।
हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता पर उठाया सवाल
अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह संस्था पारदर्शिता और खुलेपन की बात करती है, लेकिन इस संस्था, इसके कर्मचारियों और निवेशकों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। इसने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा है कि इसे दशकों का अनुभव है, लेकिन ऐसे लग रहा है कि इसकी शुरुआत 2016 से हुई है। बता दें कि अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी बात कही है।
अडाणी समूह को उठाना पड़ा है भारी नुकसान
24 जनवरी को यह रिपोर्ट सामने आने के बाद से अडाणी समूह को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। बुधवार और शुक्रवार के कारोबारी सत्रों में समूह की लिस्टेड कंपनियों की मार्केट कैप में 4.17 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है। इसका सीधा असर गौतम अडाणी की कुल संपत्ति भी पड़ा है और वो दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में तीसरे स्थान से गिरकर सातवें स्थान पर आ गए हैं।