5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में उतर सकता है अडाणी समूह, अंबानी से होगा आमना-सामना
अरबपति गौतम अडाणी का समूह 5G टेलिकॉम स्पेक्ट्रम की नीलामी में उतर सकता है। अगर ऐसा होता है तो नीलामी के दौरान मुकेश अंबानी की जियो और टेलिकॉम दिग्गज सुनील भारती की एयरटेल और अडाणी समूह के बीच दिलचस्प प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है। 26 जुलाई को होने वाली नीलामी के आवेदन के लिए शुक्रवार अंतिम दिन था और माना जा रहा है कि अडाणी समूह ने भी इसमें आवेदन दिया है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
इन कंपनियों ने किए आवेदन
जानकारी के अनुसार, इस नीलामी में शामिल होने के लिए जियो, वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल समेत कुल चार कंपनियों ने आवेदन दिए हैं। चौथी कंपनी का नाम अभी सामने नहीं आया है, लेकिन कयास है कि यह अडाणी समूह है क्योंकि हाल ही में इसे नेशनल लॉन्ग डिस्टेंस और इंटरनेशनल लॉन्ग डिस्टेंस लाइसेंस मिला है। नियमों के तहत, नीलामी में केवल वही कंपनियां हिस्सा ले सकती हैं, जो अल्ट्रा-हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी देने में सक्षम हैं।
अडाणी समूह की तरफ से प्रतिक्रिया का इंतजार
सूत्रों का कहना है कि अडाणी समूह इस नीलामी में उतर रहा है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है और समूह की तरफ से प्रतिक्रिया का इंतजार है। अब 12 जुलाई को आवेदनकर्ताओं की पहचान प्रकाशित होगी, जिससे यह तस्वीर साफ हो सकेगी।
72,097.85 MHz स्पेक्ट्रम की होगी नीलामी
26 जुलाई को कम से कम 4.3 लाख करोड़ रुपये में 72,097.8 MHz स्पेक्ट्रम की नीलामी होगी। इन स्पेक्ट्रमों में 600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz, 3300 MHz और 26 GHz आदि फ्रीक्वैंसी बैंड शामिल हैं। यह नीलामी 20 वर्षों के लिए होगी। प्राइमरी स्पेक्ट्रम के अलावा पर्याप्त बैकहॉल स्पेक्ट्रम्स की उपलब्धता से जुड़े बदलाव भी किए गए हैं, जो 5G सेवाओं के रोलआउट के लिए जरूरी हैं।
क्या अंबानी और अडाणी में होगी टक्कर?
गुजरात से आने वाले गौतम अडाणी और मुकेश अंबानी दुनिया के सबसे बड़े कारोबारियों में शुमार हैं। अभी तक दोनों अलग-अलग क्षेत्रों में व्यापार कर रहे थे और आमने-सामने नहीं आए थे। अंबानी जहां तेल, पेट्रोकेमिकल, टेलिकॉम और रिटेल सेक्टर में अपने पैर जमाए हुए हैं, वहीं अडाणी ने पोर्ट, कोयला, ऊर्जा वितरण और एविएशन के सेक्टर में अपनी धाक जमाई हुई है। अब 5G स्पेक्ट्रम को लेकर देश के दो सबसे अमीर लोगों के बीच टक्कर हो सकती है।
नीलामी में हिस्सा लेने के लिए जरूरी नियम
योग्यता की बात करें तो हर लाइसेंस एरिया के लिए नीलामी में हिस्सा लेने वालों के लिए 100 करोड़ रुपये की नेट वर्थ की अनिवार्यता रखी गई है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट में यह नेट वर्थ क्राइटेरिया 50 करोड़ रुपये पर सीमित है। आवेदन जमा करने के बाद से एक साल का लॉक-इन पीरियड सेट किया गया है। बता दें, नेट वर्थ से जुड़ी अनिवार्यता मौजूदा लाइसेंस होल्डर्स जैसे- जियो और एयरटेल पर नहीं लागू होगी।
एक बार में नहीं करना होगा पूरा भुगतान
सरकार ने स्पेक्ट्रम सरेंडर करने से जुड़े नियमों में भी कुछ बदलाव किए हैं। सबसे बड़ी बोली लगाने वालों को पूरा भुगतान एक बार में नहीं करना होगा। इसकी बजाय टेलिकॉम ऑपरेटर्स स्पेक्ट्रम के लिए 20 एनुअल इंस्टॉलमेंट्स में भुगतान कर पाएंगे, जिनका भुगतान हर साल की शुरुआत में एडवांस में करना होगा। साथ ही उन्हें 10 साल बाद स्पेक्ट्रम सरेंडर करने का विकल्प भी दिया जाएगा, जो इंस्टॉलमेंट्स सेटल होने के बाद किया जा सकेगा।