हिंडनबर्ग रिपोर्ट: LIC करेगा अडाणी समूह से बात, कहा- हमें सवाल पूछने का हक
अडाणी समूह पर लगे वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों को लेकर भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने सोमवार को कहा कि वह इसे लेकर जल्द कंपनी प्रबंधन से बात करेगा। LIC के प्रबंध निदेशक राज कुमार ने कहा, "वर्तमान में हमें पता नहीं है कि इन आरोपों में कितनी सच्चाई है। चूंकि हम अडाणी समूह में एक बड़े निवशेक हैं, इसलिए हमें सवाल पूछने का पूरा अधिकार है और हम निश्चित रूप से जल्द उनसे बातचीत करेंगे।"
क्या है मामला?
अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में गौतम अडाणी पर 'कार्पोरेट जगत की सबसे बड़ी धोखाधड़ी' का आरोप लगाया है। अडाणी समूह के शेयरों की सार्वजनिक बिक्री शुरू होने से पहले यह रिपोर्ट सामने आई थी। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अडाणी समूह की कंपनियों पर इतना कर्ज है, जो पूरे समूह को वित्तीय तौर पर अधिक जोखिम वाली स्थिति में खड़ा कर देता है। इस रिपोर्ट को लेकर समूह ने अपनी सफाई भी दी है।
LIC को 16,627 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान
रिपोर्ट की वजह से अडाणी समूह को एक ही दिन में 3.37 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है और अडाणी ग्रुप की पांच बड़ी कंपनियों में LIC निवेशक है। बीते दो दिनों में अडाणी समूह की कंपनियों में LIC का निवेश मूल्य 22 फीसदी तक गिर गया है। शुक्रवार को निवेश का मूल्य 72,193 करोड़ रुपये था, जो घटकर 55,565 करोड़ रुपये पर आ गया है। इस तरह LIC को 16,627 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
आरोपों की RBI और SEBI से करवाई जाए जांच- कांग्रेस
कांग्रेस ने अडाणी समूह पर लगे इन आरोपों की जांच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) से कराने की मांग करते हुए कहा कि यह आरोप काफी गंभीर हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया है कि इस कारोबारी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच नजदीकी रिश्ते हैं और इस समूह को इसका फायदा हुआ है, इसलिए इन आरोपों की जल्द से जल्द जांच होनी चाहिए।
रिपोर्ट का उद्देश्य अमेरिकी कंपनियों को फायदा पहुंचाना- अडाणी समूह
बीते रविवार को अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का 413 पन्नों का विस्तृत जवाब जारी किया था। इसमें समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को भारत, इसके संस्थानों और भारत की विकास गाथा पर सुनियोजित हमला बताते हुए कहा था कि उसके सभी आरोप झूठे हैं और इस रिपोर्ट का उद्देश्य अमेरिकी कंपनियों के फायदे के लिए बाजार तैयार करना है। बता दें, इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडाणी समूह को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
अडाणी समूह ने रिपोर्ट में दी जानकारी को बताया गलत
अडाणी समूह ने कहा, "यह रिपोर्ट आधे-अधूरे तथ्यों और झूठी जानकारी से तैयार की गई है। इसकी मंशा कंपनी को बदनाम करना है। हिंडनबर्ग झूठे आरोप लगाकर सिक्योरिटीज मार्केट में अपनी जगह बनाना चाहती है।" समूह ने सभी कानूनों और नियमों के पालन की बात दोहराते हुए कहा, "यह रिपोर्ट न ही निष्पक्ष है और न ही स्वतंत्र। इसमें रिसर्च की कमी भी है। अपने स्वार्थ के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च ने यह रिपोर्ट जारी की है।"
अडाणी समूह ने रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर भी उठाये सवाल
गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले समूह ने रविवार को अपने जवाब में कहा कि यह चिंताजनक है कि हजारों किलोमीटर दूर एक संस्था, जिसकी कोई विश्वसनीयता और नैतिकता नहीं है, वह समूह के निवेशकों पर अप्रत्यक्ष तौर पर नकारात्मक असर डाल रही है। रिपोर्ट के समय पर सवाल उठाते हुए समूह ने कहा कि यह अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के FPO (फॉलोऑन पब्लिक ऑफर) आने से दो दिन पहले आई है और हिंडनबर्ग ने अपनी बदनीयत का परिचय दिया है।
रिपोर्ट से अडाणी समूह को क्या नुकसान हुआ है?
24 जनवरी को यह रिपोर्ट सामने आने के बाद से अडाणी समूह को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। बुधवार और शुक्रवार के कारोबारी सत्रों में समूह की लिस्टेड कंपनियों की मार्केट कैप में 4.17 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है। इसका सीधा असर गौतम अडाणी की कुल संपत्ति भी पड़ा है और वो दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में तीसरे स्थान से गिरकर सातवें स्थान पर आ गए हैं।