अविश्वास प्रस्ताव पर अंतिम दिन की चर्चा जारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देंगे जवाब
लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज तीसरे और अंतिम दिन की चर्चा जारी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और पिछली UPA सरकार पर सवाल उठाए। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी आज अपनी बातें रखीं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी भी आज बोलेंगे। अंत में प्रधानमंत्री मोदी शाम 4 बजे अविश्वास प्रस्ताव पर अपना जवाब देंगे।
अविश्वास प्रस्ताव ने प्रधानमंत्री मोदी को बोलने पर किया मजबूर- TMC
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री मोदी के जवाब से पहले उन पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि प्रस्ताव के कारण लोकसभा से 21 दिनों तक गायब रहने के बाद प्रधानमंत्री को आज मणिपुर पर बोलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र 11 अगस्त को समाप्त होने वाला है, लेकिन प्रधानमंत्री अभी तक दिखाई नहीं दिए और विधेयकों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के बाद हो सकता है मतदान
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के तुरंत बाद अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान करवा सकते हैं। वर्तमान में अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा के अंदर पारित करवाने और सरकार गिराने के लिए जरूरी संख्याबल 270 है, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) के लोकसभा में 331 सांसद हैं। इस हिसाब से बहुमत के आंकड़े (270) से काफी अधिक संख्याबल रखने वाली केंद्र सरकार अविश्वास प्रस्ताव को काफी आराम से गिराने में सफल हो जाएगी।
दूसरे दिन राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी पर किया था तीखा हमला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा हमला किया था। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मणिपुर को भारत का हिस्सा नहीं मानते हैं और उन्होंने मणिपुर को 2 हिस्सों में बांट दिया है। राहुल ने कहा था कि भाजपा ने अपनी विभाजनकारी राजनीति के कारण मणिपुर में भारत माता की हत्या कर दी है। उन्होंने मणिपुर हिंसा का शिकार हुई 2 महिलाओं के बारे में ही बताया था।
अमित शाह ने की थी मणिपुर में शांति की अपील
बुधवार को ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2 घंटे से अधिक देर के अपने भाषण में केंद्र सरकार की कई उपलब्धियों का जिक्र करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। शाह ने मणिपुर हिंसा पर राजनीति को शर्मनाक बताते हुए राज्य में शांति की अपील भी की थी। उन्होंने कहा था कि देश की जनता और सदन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर पूरा विश्वास है और इसलिए इस अविश्वास प्रस्ताव का कोई मतलब नहीं है।
राहुल के 'फ्लाइंग किस' करने पर भी हुआ विवाद
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दूसरे दिन राहुल के सदन के अंदर कथित तौर पर फ्लाइंग किस करने पर विवाद खड़ा हो गया था। इस पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने संबोधन के दौरान राहुल पर तीखा हमला करते हुए उन्हें महिला विरोधी और गैर-मर्यादित बताया था। भाजपा की कई महिला सांसदों ने राहुल पर अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष से उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
विपक्ष क्यों लेकर आया है अविश्वास प्रस्ताव?
विपक्षी पार्टियां संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद से लगातार मणिपुर हिंसा पर चर्चा के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग कर रही हैं। दूसरी तरफ केंद्र सरकार का कहना है कि वह चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के बयान की कोई आवश्यकता नहीं है। अविश्वास प्रस्ताव के जरिए विपक्ष का असली मकसद प्रधानमंत्री मोदी को मणिपुर पर बोलने के लिए मजबूर करना है और इसी कारण से यह प्रस्ताव लाया गया है।