केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा अध्यक्ष ने किया स्वीकार
क्या है खबर?
लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
उन्होंने कहा कि वह सभी पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान की तारीख के बारे में जानकारी देंगे।
कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई और भारत राष्ट्र समिति (BRS) के सांसद मामा नागेश्वर राव ने केंद्र सरकार के खिलाफ अलग-अलग अविश्वास प्रस्ताव पेश किए थे।
हंगामा
मणिपुर पर प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहा है विपक्ष
विपक्ष मणिपुर हिंसा को लेकर लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहा है। इसके चलते मानसून सत्र की शुरुआत के बाद से ही संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा, की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है।
लोकसभा में संख्याबल कम होने के बावजूद विपक्ष का मानना है कि अविश्वास प्रस्ताव केंद्र सरकार को मणिपुर हिंसा पर चर्चा शुरू करने के लिए मजबूर करने वाला एक प्रभावी तरीका है।
बयान
अविश्वास प्रस्ताव पर क्या बोले केंद्रीय मंत्री?
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अविश्वास प्रस्ताव पर कहा, "सरकार हर स्थिति के लिए तैयार है। हम मणिपुर पर चर्चा चाहते हैं। सत्र शुरू होने से पहले वे इस पर चर्चा चाहते थे। जब हम सहमत हुए तो उन्होंने नया मुद्दा उठाया। मुझे लगता है ये सब बहाने हैं।"
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि पिछले कार्यकाल में भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था और जनता ने विपक्ष को सबक सिखा दिया था।
आरोप
खड़गे ने लगाया माइक बंद किए जाने का आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को आरोप लगाया कि उनके भाषण के दौरान उनका माइक बंद कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि ऐसा करके उनके आत्मसम्मान को चुनौती दी गई है।
खड़गे के विरोध करने पर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने भी मणिपुर हिंसा को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
संख्या
क्या अविश्वास प्रस्ताव जीत सकता है विपक्ष?
केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) को 543 सदस्यों वाली लोकसभा में वर्तमान में 331 सांसदों का समर्थन प्राप्त है।
विपक्ष के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) के पास लोकसभा में 144 सदस्य हैं।
भले ही विपक्षी पार्टियों के पास अविश्वास प्रस्ताव जीतने के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं है, लेकिन उनका तर्क है कि वे बहस के दौरान मणिपुर हिंसा पर सरकार को घेरकर नैतिक तौर पर जीत दर्ज कर पाएंगे।