भारत-फ्रांस में राफेल और पनडुब्बी को लेकर अभी नहीं हुआ समझौता, बातचीत जारी- रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान खबर आई थी कि दोनों देशों के बीच राफेल लड़ाकू विमान और स्कॉर्पीन पनडूब्बी को लेकर समझौता हुआ है। हालांकि, मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच वार्ता के बाद जारी किए गए संयुक्त बयान में इस समझौते का कोई जिक्र नहीं है। खबर है कि दोनों देशों के बीच इस समझौते को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।
विदेश मंत्रालय की वेबसाइट से हटाई गई जानकारी
अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर 'क्षितिज 2047: भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ, भारत-फ्रांस संबंध एक सदी की ओर' नामक एक दस्तावेज अपलोड किया गया था। इसमें राफेल लड़ाकू विमान और पनडुब्बी के समझौते को लेकर जानकारी थी। हालांकि, वेबसाइट से अब ये दस्तावेज हटा दिया गया है। अखबार से बात करते हुए एक सूत्र ने कहा कि ये दस्तावेज वेबसाइट पर 'गलती से' अपलोड हो गया था।
समय पर पूरी न हो सकी समझौते से जुड़ी कार्यवाही
अखबार के मुताबिक, दोनों देशों ने समझौते को मोदी और मैक्रों के बीच शिखर वार्ता से पहले पूरा करने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अखबार ने लिखा, "अधिकारी स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद और राफेल इंजन के संयुक्त विकास पर 'समयसीमा' और कुछ 'गोपनीय विशिष्टताओं' से जुड़ी बातचीत को पूरा नहीं कर सके।" अखबार ने कहा कि दोनों देश साझा बयान में समझौते को शामिल करने की प्रक्रिया में थे, लेकिन समय पर बातचीत पूरी नहीं कर सके।
वेबसाइट से हटाए गए दस्तावेज में क्या जानकारी थी?
वेबसाइट से हटाए गए दस्तावेज में लिखा था, "दोनों पक्ष पी-75 कार्यक्रम के तहत 3 अतिरिक्त पनडुब्बियों के निर्माण के लिए भारत के मझगांव डाकयार्ड लिमिटेड और फ्रांस के नौसेना समूह के बीच हुए समझौते का स्वागत करते हैं।" इस वाक्य को अब हटा लिया गया है। इसके अलावा दस्तावेज में हेलिकॉप्टर इंजन निर्माण के लिए फ्रांस के साफ्रान और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के बीच रोडमैप तैयार करने का जिक्र था, जिसे भी हटा लिया गया है।
राफेल बनाने वाली कंपनी ने भी जारी किया था बयान
इससे पहले राफेल बनाने वाली कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने एक बयान में कहा था, "भारत ने नौसेना को नई पीढ़ी के लड़ाकू विमान से लैस करने के लिए राफेल के चयन की घोषणा की है। भारतीय नौसेना के 26 राफेल पहले से ही सेवा में मौजूद 36 राफेल के बेड़े में शामिल हो जाएंगे। इससे भारत हवा-समुद्र में अपनी संप्रभुत्ता सुनिश्चत करने के लिए विमान के दोनों संस्करणों का संचालन करने वाला फ्रांस के बाद पहला देश बन जाएगा।"
राफेल और पनडुब्बी को लेकर क्या समझौता होना था?
भारत और फ्रांस के बीच लगभग 90,000 करोड़ रुपये में स्कॉर्पीन श्रेणी की 3 पनडुब्बी और 22 सिंगल सीटर राफेल M विमान और 4 डबल सीटर ट्रेनिंग विमान समेत कुल 26 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद को लेकर समझौता होना था। राफेल M लड़ाकू विमान राफेल का ही नौसैनिक संस्करण है, जिन्हें INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत पर तैनात किया जाना है। बता दें कि भारत के पास पहले से ही 36 राफेल लड़ाकू विमान हैं।