कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को असम पुलिस ने दिल्ली में विमान से उतारकर गिरफ्तार किया
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को आज असम पुलिस ने दिल्ली में विमान से उतारकर गिरफ्तार कर लिया। वे कांग्रेसी नेताओं के साथ छत्तीसगढ़ के रायपुर में होने वाले पार्टी के अधिवेशन में शामिल होने जा रहे थे। इस दौरान एयरपोर्ट में खूब हंगामा भी हुआ। कांग्रेसी नेताओं ने भाजपा के खिलाफ 'हाय-हाय' के नारे लगाए। बता दें कि पवन खेड़ा ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी की थी। इस पर भाजपा ने शिकायत दर्ज कराई थी।
पवन खेड़ा ने क्या कहा था?
पवन खेड़ा ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि अगर अटल बिहार वाजपेयी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) बना सकते हैं तो नरेंद्र 'गौतमदास' मोदी को क्या दिक्कत है। इसके बाद उन्होंने आसपास खड़े लोगों से प्रधानमंत्री के पिता के नाम की पुष्टि की थी। पुष्टि के बाद उन्होंने कहा था, "नाम भले ही दामोदरदास है, उनका काम गौतमदास का है।" अपनी सफाई में उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री के नाम को लेकर उन्हें कन्फ्यूजन था।
टिप्पणी के बाद असम में की गई थी खेड़ा के खिलाफ FIR
प्रधानमंत्री के पिता पर विवादित टिप्पणी के बाद असम के दीमा हसाओ जिले में खेड़ा के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। असम पुलिस के महानिरीक्षक प्रशांत कुमार भुइयां ने बताया कि मामले में पुलिस की एक टीम दिल्ली रवाना हुई थी और खेड़ा को रिमांड पर लिया जाएगा। वहीं खेड़ा ने कहा कि पुलिस ने न तो उन्हें गिरफ्तारी वारंट दिखाया और न ही FIR या कोई अन्य कागजात दिखाया।
लंबी लड़ाई है, हम लड़ने को तैयार- पवन खेड़ा
पवन खेड़ा से जब मीडियाकर्मियों ने गिरफ्तारी की वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि अभी देखते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये लंबी लड़ाई है और वह लड़ने को तैयार हैं। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "पवन खेड़ा पर ये कार्रवाई किस धारा के तहत की गई है? वह आम नागरिक की तरह क्यों उड़ान नहीं भर सकते? भाजपा हमारे अधिवेशन से बौखला गई है। कुछ गलत किया है तो लुकाछिपी क्यों कर रहे हैं? कार्रवाई कीजिए।"
कांग्रेस ने एयरपोर्ट पर ही दिया धरना
भूपेश बघेल ने भाजपा पर साधा निशाना
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "पवन खेड़ा ने कोई अपराध नहीं किया, जो उन्हें प्लेन से उतारा गया। इस तरह की हरकत निम्न स्तर के लोग करते हैं। सत्ता के दुरुपयोग का इससे बड़ा उदाहरण दिखाई नहीं देता। भाजपा कांग्रेस और भारत जोड़ो यात्रा की सफलता से बहुत घबराई हुई है। अधिवेशन से पहले इस तरह की कार्रवाई भाजपा की इसी घबराहट को दर्शा रही है।"
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है और कोर्ट आज ही सुनवाई करेगा। अभिषेक मनु सिंघवी ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ से जल्द सुनवाई की मांग की है। उन्होंने खेड़ा के खिलाफ अलग-अलग जगहों पर दर्ज हुए मामलों की एक साथ सुनवाई की अपील भी की।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं और कार्यालयों पर भी पड़ा था छापा
छत्तीसगढ़ में 20 फरवरी की सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कई कांग्रेसी नेताओं के ठिकानों पर छापा भी मारा था। ये छापा रायपुर में शुरू हो रहा कांग्रेस के अधिवेशन से 4 दिन पहले मारा गया था, इसलिए पार्टी ने इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस ने कहा था कि ये कार्रवाई अधिवेशन को देखते हुए की जा रही है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था, "पिछले 9 सालों में ED ने 95 प्रतिशत छापे विपक्षी नेताओं पर मारे हैं।"
कौन हैं पवन खेड़ा?
31 जुलाई, 1968 को जन्मे पवन खेड़ा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। वे 21 साल की उम्र से ही कांग्रेस से जुड़े हैं। हालांकि, राजीव गांधी की हत्या के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी, लेकिन 1998 में वापस पार्टी में लौट आए। 1998 से 2013 तक वे दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दिक्षित के राजनीतिक सचिव रहे। फिलहाल वे कांग्रेस के मीडिया और पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन हैं।