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दिल्ली: JNU के पूर्व छात्र शरजील इमाम जामिया नगर हिंसा मामले में हुए बरी 
अदालत ने शरजील इमाम और आसिफ इकबाल तनहा को किया बरी

दिल्ली: JNU के पूर्व छात्र शरजील इमाम जामिया नगर हिंसा मामले में हुए बरी 

Feb 04, 2023
02:19 pm

क्या है खबर?

दिल्ली के साकेत कोर्ट ने जामिया नगर में वर्ष 2019 की हिंसा के मामले में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र शरजील इमाम और आसिफ इकबाल तनहा को बरी कर दिया है। दरअसल, शरजील पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था, जिसके कारण जामिया नगर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी। हालांकि, अन्य मामलों के कारण शरजील फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे।

मामला 

क्या है जामिया नगर में हिंसा का मामला?

15 दिसंबर, 2019 को दिल्ली के जामिया नगर स्थित जामिया यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन हुआ था। इन्हीं प्रदर्शनों के दौरान यूनिवर्सिटी के बाहर हिंसा भड़क गई और उपद्रवियों ने बसों को आग के हवाले कर दिया। उपद्रवियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी भी की, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए फायरिंग की। तब पुलिस पर बिना इजाजत यूनिवर्सिटी कैंपस में घुसने और छात्रों पर लाठीचार्ज करने का आरोप लगा था।

केस 

पुलिस ने किन धाराओं में दर्ज किया था केस?

दिल्ली पुलिस ने शरजील के खिलाफ दंगा भड़काने, भड़काऊ भाषण देने और उससे जुड़े कई अन्य मामलों के तहत केस दर्ज किया था। शरजील और उनके साथियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 143, 147, 148, 149, 186, 353, 332, 333, 308, 427, 435, 323, 341, 120B और 34 के तहत केस दर्ज किया गया था। बता दें कि शरजील के खिलाफ 2020 के दिल्ली दंगों में UAPA अधिनियम के तहत केस दर्ज हुआ था।

जमानत 

शरजील को पिछले साल राष्ट्रद्रोह के केस में मिली थी जमानत

बता दें कि दिल्ली की एक कोर्ट ने पिछले साल सितंबर में शरजील को 2019 के राष्ट्रद्रोह से संबंधित एक केस में जमानत दे दी थी। शरजील को धारा 436-A के तहत जमानत मिली थी, जिसके तहत यह प्रावधान है कि अगर किसी आरोपी ने मामले की सुनवाई पूरी होने से पहले आधी सजा पूरी कर ली है तो उसे जमानत दी जा सकती है। हालांकि, तब भी शरजील से जेल से बाहर नहीं आ पाए थे।

गिरफ्तारी 

जनवरी, 2020 में गिरफ्तार हुए थे शरजील

दिल्ली पुलिस की एक टीम ने 28 जनवरी, 2020 को बिहार के जहानाबाद में दबिश देकर शरजील को गिरफ्तार किया गया था। उस दौरान शरजील पर शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन से जुड़े होने का भी आरोप लगा था, लेकिन वहां प्रदर्शनकारियों ने इससे इनकार कर दिया था। पुलिस ने 18 फरवरी, 2020 को कोर्ट में चार्जशीट पेश करते हुए जामिया हिंसा के लिए शरजील को जिम्मेदार ठहराया था। वह तब से जेल में बंद हैं।