सरकारी परियोजनाओं में अनियमितताओं पर CAG रिपोर्ट को लेकर विपक्ष हमलावर, प्रधानमंत्री मोदी से मांगा जवाब
विपक्ष ने हाल ही में भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में सामने आईं अनियमितताओं को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को CAG की रिपोर्ट पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और उनकी सरकार में हुए भ्रष्टाचार को लेकर उठे सवाल का जवाब देना चाहिए। आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी इस रिपोर्ट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
क्या अपने मंत्रियों से सवाल कर पाएंगे प्रधानमंत्री- कांग्रेस
जयराम रमेश ने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री कल आखिरी बार लाल किले की प्राचीर से अपने झूठ की झड़ी लगाएंगे, लेकिन क्या उनमें अपनी ही सरकार और अपने मंत्रियों से उनके भ्रष्टाचार और अक्षमता पर सवाल उठाने का साहस है?' उन्होंने आगे लिखा, 'CAG द्वारा संसद में पेश की गई रिपोर्ट पर हमने बयान जारी किया है। बदनाम किया गया CAG भी मोदी सरकार के घोर भ्रष्टाचार और अक्षमता को उजागर करने में सक्षम है। चुप्पी तोड़िए प्रधानमंत्री जी।'
खड़गे बोले- प्रधानमंत्री को अपने अंदर झांकने की जरूरत
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी CAG की रिपोर्ट देकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा का भ्रष्टाचार और लूट देश को नरक की ओर ले जा रहा है। उन्होंने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री जी, अपने विरोधियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का राग अलापने से पहले आपको अपने अंदर झांकने की जरूरत है क्योंकि आप खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं। 2024 में INDIA आपकी सरकार को जवाबदेह बना देगा।'
प्रधानमंत्री मोदी ने बनाया भ्रष्टाचार युक्त भारत- AAP
AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री पूरे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ भाषण देते हैं और अपने दोस्त के साथ मिलकर देश को लूट रहे हैं। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री जी, जब आप भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करते हैं तो हंसी आती है। अजित पवार के 70,000 करोड़ रुपये के घोटाले की बात करते थे और फिर उसे उपमुख्यमंत्री बना दिया। आपने भ्रष्टाचार मुक्त भारत नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार युक्त भारत बना दिया है।"
CAG ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा?
CAG ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में कई विसंगतियां पाई गई गई हैं, जिसके कारण अयोग्य लाभार्थियों का ठीक सत्यापन नहीं होने के कारण लाखों रुपए खर्च हो गए। CAG ने दिल्ली को गुरूग्राम से जोड़ने वाले द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में आए खर्च को लेकर सवाल भी उठाया है। उसने कहा कि इसकी लागत मंजूरी की गई राशि की तुलना में 14 गुना अधिक रही।