दिल्ली: कौन हैं IAS अधिकारी आशीष मोरे और उनके ट्रांसफर से जुड़ा विवाद क्या है?
दिल्ली सरकार ने सेवा विभाग में कार्यरत सचिव आशीष मोरे को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में सरकार ने मोरे से पूछा है कि उसके निर्देश का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है। दरअसल, दिल्ली सरकार ने कुछ दिन पहले मोरे का ट्रांसफर कर दिया था, जिसके बाद से वह सचिवालय में अनुपस्थित चल रहे थे। आइए जानते हैं IAS आशीष मोरे कौन हैं और उनके ट्रांसफर से जुड़ा ये पूरा मामला क्या है।
कौन हैं आशीष मोरे?
1980 में जन्मे आशीष मोरे एक IAS अधिकारी हैं, जो महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। उन्होंने कला में स्नातक की डिग्री हासिल की है। वह 1995 बैच के IAS अधिकारी हैं। साल 2022 में दिल्ली सरकार के सेवा विभाग के सचिव के रूप में नियुक्त होने से पहले वह सामान्य प्रशासन विभाग में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। बीते दिनों सरकार ने मोरे के ट्रांसफर का आदेश जारी करते हुए उनकी जगह IAS अनिल कुमार सिंह को नियुक्ति दी थी।
क्या है ट्रांसफर का मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने हाल में बड़ा फैसला सुनाते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) की दिल्ली सरकार को सेवाओं पर नियंत्रण दिया था। इसके बाद 11 मई को विभागीय मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सेवा विभाग में सचिव के रूप में कार्यरत IAS मोरे का ट्रांसफर आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही मोरे सचिवालय में अनुपस्थित चल रहे थे। सरकार ने मोरे को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे के भीतर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी।
सरकार ने अपने नोटिस में क्या कहा?
सरकार ने अपने नोटिस में कहा था, "विभागीय सचिव मोरे बिना किसी पूर्व सूचना के सचिवालय में अनुपस्थित चल रहे हैं। एक जिम्मेदार अधिकारी के रूप में उनका आचरण बेहद अनुचित है और वह राजनीतिक रूप से तटस्थ नहीं हैं।" सरकार का आरोप है कि मोरे के आचरण से स्पष्ट है कि ट्रांसफर आदेश के बावजूद भी वह अवैध तरीके से उक्त पद पर बने रहने का प्रयास कर रहे हैं, जो संवैधानिक रूप से गलत है।
मोरे ने सरकार के फैसले पर जताई सहमति
इसी बीच पिछले 3 दिनों से अनुपस्थित चल रहे मोरे अचानक आज दिल्ली सचिवालय पहुंचे और सरकार के फैसले पर सहमति जताई। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को मानने और अपने स्थान पर नए अधिकारी की नियुक्ति को औपचारिक रूप से आगे बढ़ाने की बात कही है। बता दें कि मोरे के आदेश न मानने के बाद दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार पर हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
मुख्य सचिव आज सिविल सर्विस बोर्ड की लेंगे बैठक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोरे के तबादले का आदेश सिविल सेवा बोर्ड (CSB) से परामर्श के प्रोटोकॉल का पालन किए बिना पारित किया गया था, जो IAS अधिकारियों के तबादले से संबंधित मामलों को देखता है। ऐसे में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने आज CSB की बैठक बुलाई है। इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सेवा सचिव मोरे के ट्रांसफर पर फैसला लिया जा सकता है।
क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े अधिकार दिल्ली सरकार को दे दिए थे। कोर्ट ने कहा कि सेवाओं पर केंद्र सरकार का नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार का अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य सरकार का अपने अधीन अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं होगा तो वो ठीक से काम नहीं करेंगे और सरकार की बात नहीं मानेंगे। साथ ही कोर्ट ने कहा कि उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार की सलाह पर काम करना होगा।