ऑनलाइन गेमिंग पर GST की दरें कम करने के लिए निवेशकों ने प्रधानमंत्री से लगाई गुहार
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने हाल ही में ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत GST लगाने का फैसला लिया है। पहले गेमिंग कंपनियों पर 18 प्रतिशत GST लगती थी।
GST की नई दर से निराश गेमिंग कंपनियों के निवेशकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ऑनलाइन गेमिंग पर लगाई गई नई टैक्स दर पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
इन निवेशकों में टाइगर ग्लोबल, DST ग्लोबल, पीक XV, स्टीडव्यू कैपिटल और कोटक प्राइवेट इक्विटी जैसी वैश्विक और भारतीय कंपनियां शामिल हैं।
परिषद
नई दर से मौके और कौशल के खेल के बीच का अंतर होगा खत्म
GST परिषद की सहमति के बाद ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और हॉर्स रेसिंग पर 28 प्रतिशत GST दर लगाई गई है।
परिषद ने कहा था कि गेम ऑफ स्किल (कौशल आधिरत खेल) और गेम ऑफ चांस (मौके के खेल) के बीच कोई अंतर नहीं होना चाहिए।
परिषद का मानना है कि इससे उस खामी को दूर किया जा सकेगा, जिसका फायदा उठाकर फैंटेसी खेल वाली कंपनियां अपने गेम को गेम ऑफ स्किल के रूप में उचित ठहराती हैं।
निवेशक
निवेशकों से प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कही ये बात
30 निवेशकों के एक समूह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि GST परिषद का फैसला संवैधानिक रूप से संरक्षित और वैध स्किल गेमिंग इंडस्ट्री की तुलना गेम ऑफ चांस (जुआ, सट्टेबाजी वाले गेम) से करने का अनपेक्षित परिणाम है।
उन्होंने लिखा, 'हमने भारत को गेमिंग में विश्व में अग्रणी बनाने के लिए इस सेक्टर में निवेश किया है और यह नौकरियों के साथ ही विदेशी पूंजी पैदा करने में मदद करेगा।'
बिजनेस
अरबों रुपये है गेमिंग इंडस्ट्री का मूल्य
ऑनलाइन गेमिंग भारत में सबसे तेजी से बढ़ते इंटरनेट बिजनेस में से एक है।
टाइगर ग्लोबल और अल्फा वेव ग्लोबल द्वारा समर्थित ड्रीम स्पोर्ट्स और अन्य फैटेंसी स्पोर्ट्स स्टार्टअप का मूल्य 65,000 करोड़ रुपये से अधिक है। इनमें सिकोइया इंडिया समर्थित मोबाइल प्रीमियर लीग और अन्य को भी मिला लें तो इनकी कीमत अरबों रुपये पहुंचती है।
गौरतलब है कि गेम ऑफ चांस वाले फैंटेसी गेमों में लोग पैसे कमाने के लालच में काफी पैसे लगाते हैं।
जानकारी
सरकार की कमाई में होगा इजाफा
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 28 प्रतिशत GST लगाने से कलेक्शन में 10 गुना का इजाफा होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, ऑनलाइन गेमिंग से फिलहाल सालाना 1,700 करोड़ रुपये की कमाई हो रही थी और उम्मीद है कि यह बढ़कर 17,000 करोड़ रुपये हो जाएगी।
आशंका
GST बढ़ने से बढ़ी ये आशंकाएं
GST बढ़ने का बोझ ग्राहकों पर पड़ेगा और गेम जीतने पर उन्हें पहले के मुकबाले पैसे भी कम मिलेंगे। गेमर्स को पैसे कम मिलेंगे तो वो ऑफशोर या अवैध गेमिंग प्लेटफॉर्म को अपना सकते हैं। अवैध प्लेटफॉर्म सरकार को टैक्स भी नहीं देते हैं।
GST बढ़ने से दूसरे देशों से काम करने वाली विदेशी गेमिंग कंपनियां भारतीय कंपनियों से आगे निकल सकती हैं।
गेमिंग कंपनियां खुद को बचाए रखने के लिए नौकरियों में छंटनी भी कर सकती हैं।