NRC के विरोध में आए नीतीश कुमार, पूछा- बिहार में क्यों लागू होगा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुलकर देशव्यापी NRC के विरोध में उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते हैं कि केंद्र सरकार देशभर में NRC लागू करें। जब उनसे पूछा गया कि अगर केंद्र सरकार NRC लाती है तो क्या यह बिहार में लागू किया जाएगा। इस पर उन्होंने पलटकर पूछा, "यह बिहार में क्यों लागू होगा?" नीतीश भाजपा की सहयोगी पार्टियों के पहले मुख्यमंत्री हैं, जो NRC लागू करने के विरोध में हैं।
अभी तक केवल असम में लागू है NRC
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) एक रजिस्ट्रर है जिसमें भारत में रह रहे सभी वैध नागरिकों का रिकॉर्ड रखा जा रहा है। फिलहाल यह केवल असम में लागू है, जिसे सरकार पूरे देश में लागू करने की बात कह रही है।
अब तक सात मुख्यमंत्री NRC के विरोध में
नीतीश के अलावा छह विपक्षी मुख्यमंत्री NRC के विरोध में उतर आए हैं। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गुरुवार को ऐलान किया था कि अगर केंद्र सरकार NRC लाती है तो वो इसे अपने राज्य में लागू नहीं करेंगे। ध्यान देने वाली बात यह है कि इन दोनों पार्टियों ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर सरकार का समर्थन किया था। वहीं पश्चिम बंगाल, पंजाब, राजस्थान, छत्तीगढ़ और केरल के मुख्यमंत्री NRC और नागरिकता संशोधन कानून, दोनों के विरोध में हैं।
11 राज्य की सरकारें NRC के विरोध में
कांग्रेस, TRS, TMC, BJD, JD(U), CPI (M) और AAP समेत सात सत्ताधारी पार्टियां देशव्यापी NRC के खिलाफ हैं। इन पार्टियों की पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पुड्डुचेरी, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, केरल, दिल्ली और तेलंगाना में सरकार है। इन राज्यों में देश की 42.8 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। अगर कांग्रेस, NCP और शिवसेना गठबंधन की सरकार वाले महाराष्ट्र की जनसंख्या को इसमें मिलाया जाए तो इन राज्यों में देश की 52.08 प्रतिशत जनसंख्या रहती है।
सरकार का NRC पर क्या कहना है?
अमित शाह ने झारखंड में रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार 2024 के आम चुनावों से पहले देशभर में NRC को लागू करेगी। वहीं उनके मंत्रालय में राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा है कि सरकार फिलहाल देशव्यापी NRC लागू करने पर विचार नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि NRC लागू करने की समयसीमा पर अभी विचार नहीं किया है। अभी तक इसका ड्राफ्ट तैयार नहीं हुआ है और इसे कैबिनेट से मंजूरी नहीं मिली है।
देशभर में हो रहे प्रदर्शन
राजनीतिक पार्टियों के अलावा लोग भी बड़े स्तर नागरिकता कानून और NRC का विरोध कर रहे हैं। इसे लेकर पिछले कई दिनों से देश के अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं।