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यहाँ स्थित है देश की सबसे बड़ी टकसाल, हर साल बनते हैं 500 करोड़ के सिक्के

यहाँ स्थित है देश की सबसे बड़ी टकसाल, हर साल बनते हैं 500 करोड़ के सिक्के

Oct 25, 2019
08:55 pm

क्या है खबर?

आज के समय में पैसे का क्या महत्व है यह किसी को बताने की ज़रूरत है। पैसे के तौर पर भारत में नोट और सिक्के दोनों चलते हैं। नोट तो प्रेस में छापे जाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सिक्के कहाँ बनाए जाते हैं। अगर आप नहीं जाते हैं, तो आपको बता दें कि सिक्कों की ढलाई टकसाल में की जाती है और देश का सबसे बड़ा टकसाल मध्य प्रदेश में स्थित है। आइए जानें।

जानकारी

क्या होता है टकसाल?

टकसाल, उस कारख़ाने को कहते हैं, जहाँ देश की सरकार या उसके दिए गए अधिकार से मुद्राओं का निर्माण होता है। 1851 में टकसाल कलकत्ता (कोलकाता) की टकसाल में चाँदी के आमापन की भारतीय विधि का अविष्कार हुआ था। सिक्कों और धातु की मुद्राओं में चाँदी का आमापन करने के लिए सौ से अधिक वर्षों तक इस विधि का प्रयोग हुआ। 1946 के बाद से सिक्कों में चाँदी का प्रयोग धीरे-धीरे कम होने लगा और निकल का इस्तेमाल होने लगा।

टकसाल

इंदौर के पीथमपुर में स्थित है देश की सबसे बड़ी टकसाल

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इंदौर के पीथमपुर में मित्तल एप्लायंस लिमिटेड कंपनी RBI के लिए पाँच और 10 रुपये के सिक्के बनाती है। कंपनी हर साल लगभग 500 करोड़ रुपये मूल्य के साढ़े पाँच टन वजनी कोरे सिक्के (कीमत आदि की सील RBI बाद में लगाता है) बनाती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि कंपनी अब तक 48,000 टन के 600 करोड़ सिक्के बना चुकी है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।

काम

मित्तल एप्लायंस में बनते हैं नौसेना के मेडल

ख़बरों के अनुसार, यह देश का सबसे पुराना और सबसे बड़ा प्लांट है, जहाँ सिक्के बनाए जाते हैं। इसके अलावा दो प्लांट फ़रीदाबाद और हिसार में भी स्थित हैं। मित्तल एप्लायंस कंपनी 1986 में बनी। यहाँ 1989 से सिक्के बन रहे हैं और 2002 से कंपनी का मुख्य काम सिक्के बनाना ही है। इसके अलावा कंपनी नौसेना के मेडल भी बनाती है। मित्तल एप्लायंस भारत की पहली कंपनी है, जहाँ सिक्के और मेडल दोनों साथ में बनते हैं।

जानकारी

बाहर ने न मंगानी पड़े सिक्के जैसी सामग्री: अंशुल मित्तल

कंपनी के एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर अंशुल मित्तल बताते हैं कि मेक-इन इंडिया को ध्यान में रखकर यह काम हो रहा है, ताकि देश को बाहर से सिक्के जैसी सामग्री न मंगानी पड़े। इससे देश का ही फ़ायदा है।

नोएडा

आज़ादी के बाद की पहली टकसाल नोएडा में स्थित है

इसके अलावा उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर-1 में भी एक टकसाल स्थित है, जिसे आज़ादी के बाद देश में स्थापित पहली टकसाल माना जाता है। यहाँ देश में बनने वाले कुल 40% सिक्कों की ढलाई होती है। यहाँ पर विदेशी सिक्के भी बन चुके हैं। नोएडा स्थित टकसाल में दो, पाँच और 10 रुपये के सिक्के ढाले जाते हैं। इस टकसाल में पाँच पैसे, 10 पैसे, 20 पैसे, 25 पैसे और 50 पैसे के सिक्के भी ढाले जा चुके हैं।