बिहार: बाढ़ के पानी में इस लड़की ने कराया फोटोशूट, सोशल मीडिया पर हुईं ट्रोल
पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में भारी बारिश की वजह से जीवन अस्त-व्यस्त है। बिहार की राजधानी पटना सहित अन्य जिलों में पानी भरा हुआ है। इसी बीच पटना की सड़कों की हालत दिखाने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) की एक स्टूडेंट अदिति सिंह ने एक ख़ास तरीका अपनाया। अदिति ने पटना की सड़कों पर जमा पानी के बीच अपना फोटो और वीडियो शूट करवाया और सोशल मीडिया पर शेयर किया। आइए जानें।
सोशल मीडिया पर शेयर करते ही शुरू हो गई ट्रोलिंग
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फोटोग्राफ़र सौरभ अनुराज ने अदिति का फोटोशूट किया और उन्होंने ही सोशल मीडिया पर उसे शेयर किया। उन्होंने फोटो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, 'मिरमिड इन डिज़ास्टर।' इस फोटो को देखने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने अदिति की ट्रोलिंग शुरू कर दी। अदिति और अनुराज इस बारे में कहते हैं कि उनका मक़सद शहर की हालत को बयाँ करना था।
यह मजाक से ज़्यादा कुछ नहीं है- यूज़र
सौरभ ने इंस्टाग्राम पर लिखा, 'फोटोशूट बस पटना की मौजूदा हालत को दिखाने के लिए किया गया है। इसे गलत तरीके से न लें।' कुछ लोग पोस्ट का समर्थन कर रहे हैं, तो वहीं कई लोग दोनों को ट्रोल कर रहे हैं। एक यूज़र ने लिखा कि इन लोगों ने मुश्किल वक़्त में हँसना सिखाया। वहीं, एक अन्य यूज़र ने लिखा, 'यह मजाक से ज़्यादा कुछ नहीं है। आपदा के वक्त को प्रचार का माध्यम नहीं बनाना चाहिए।'
दोनों ने मिलकर लिया था फोटोशूट का निर्णय
ट्रोलिंग के बाद मीडिया से बातचीत में सौरभ ने बताया कि उनका उद्देश्य पटना की सड़कों पर आई मुसीबत की तरफ लोगों का ध्यान आकर्षित करना था, ताकि लोग यहाँ के पीड़ितों की मदद को आगे आएँ। सौरभ के अनुसार, अदिति सिंह NIFT की छात्रा हैं, लेकिन इस फोटोशूट का उनके एकेडमिक इंस्टीट्यूट से कुछ लेना-देना नहीं है। बता दें की फोटोशूट का आइडिया सौरभ और अदिति दोनों का था।
अदिति का वीडियो शूट
केवल दो दिनों में हुई पूरे मानसून की 40% बारिश
ख़बरों के अनुसार, पटना में जल कर्फ़्यू जैसी स्थिति बनी हुई है। राजधानी के 80% घरों में पानी घुस गया है। केवल यही नहीं, राजेंद्र नगर सहित कई इलाकों में 36 घंटे से बिजली-पानी तक नहीं है। राजधानी में मानसून की 40% बारिश शनिवार शाम से रविवार शाम तक हुई, जिससे पटना के निकट की चारों नदियाँ सोन, गंगा, गंडक और पुनपुन ख़तरे के निशान से ऊपर पहुँच गई हैं। इससे भी लगातार ख़तरा बढ़ता जा रहा है।