NCRB ने जारी किए अपराध संबंधी आंकड़े, इस राज्य में देशद्रोह के सबसे ज्यादा मामले
क्या है खबर?
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने साल 2017 के लिए अपनी रिपोर्ट जारी की। ये रिपोर्ट एक साल की देरी से जारी की गई है।
इसमें मॉब लिंचिंग, खाप पंचायत के आदेश पर हत्या, धार्मिक कारणों से हत्या और किसी प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा हत्या से संबंधित आंकड़े शामिल नहीं किए गए हैं।
रिपोर्ट में 2016 के पैटर्न को फॉलो किया गया है और साइबर अपराध और राज्य के खिलाफ अपराध के अलावा कोई नई कैटेगरी नहीं जोड़ी गई है।
रिपोर्ट
मॉब लिंचिंग के आंकड़े इकट्ठे करने के कारण ही हुई थी रिपोर्ट में देरी
'इंडियन एक्सप्रेस' को NCRB अधिकारियों ने बताया कि पूर्व NCRB निर्देशक ईश कुमार के नेतृत्व में हत्या की कैटेगरी में एक सब-कैटेगरी जोड़ी गई थी जिसमें मॉब लिंचिंग, खाप पंचायत के आदेश पर हत्या आदि से संबंधित आंकड़े थे।
इन घटनाओं से संबंधित आंकड़ों को इकट्ठा करना रिपोर्ट आने में देरी होने के कारणों में शामिल था।
लेकिन अब जब अंतिम रिपोर्ट आई है तो इसमें मॉब लिंचिंग आदि के आंकड़े प्रकाशित ही नहीं किए गए हैं।
बयान
अधिकारी ने बताया चौंकाने वाला कदम
एक अधिकारी ने बताया, "ये चौंकाने वाला है ये आंकड़े प्रकाशित नहीं किए गए। आंकड़े पूरी तरह तैयार थे और उनका विश्लेषण हो चुका था। केवल शीर्ष अधिकारियों को पता हो सकता है कि इन्हें क्यों प्रकाशित नहीं किया गया।"
आंकड़े
उत्तर प्रदेश और बिहार में हत्या के सबसे अधिक मामले
NCRB की रिपोर्ट में प्रकाशित किए गए अन्य आंकड़ों की बात करें तो 2017 में 50 लाख से अधिक अपराध की घटनाएं हुईं जो 2016 के मुकाबले 3.6 प्रतिशत अधिक थीं।
इस दौरान हत्या के कुल 28,653 मामले दर्ज किए गए।
इसमें उत्तर प्रदेश और बिहार सबसे आगे रहे। जहां उत्तर प्रदेश में हत्या के 4,324 मामले सामने आए, वहीं बिहार में ये संख्या 2,803 रही।
देश की राजधानी दिल्ली में हत्या के 487 मामले दर्ज किए गए।
महिलाओं के खिलाफ अपराध
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में हुई वृद्धि
रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि देखने को मिली।
साल में महिलाओं के खिलाफ अपराध के करीब तीन लाख 59 हजार 849 मामले दर्ज किए गए।
2016 के मुकाबले ये संख्या लगभग 21,000 ज्यादा है।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में सबसे अधिक पति या उसके परिजनों द्वारा क्रूरता के मामले रहे। कुल मामलों में ऐसे मामलों की संख्या 33.2 प्रतिशत रही।
वहीं इनमें से 10.3 प्रतिशत मामले रेप के रहे।
जानकारी
बच्चों के खिलाफ अपराधों में 20 प्रतिशत इजाफा
वहीं बच्चों के खिलाफ अपराधों में भी 2017 में 20 प्रतिशत वृद्धि देखने को मिली। साल में बच्चों के खिलाफ अपराध के 1,29,032 मामले सामने आए जिनमें से 28 प्रतिशत केवल उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए।
राज्य के खिलाफ अपराध
राज्य के खिलाफ अपराध के मामले भी बढ़े
अगर राज्य के खिलाफ अपराधों की बात करें तो इनमें 2016 के मुकाबले 30 प्रतिशत इजाफा देखने को मिला।
इनमें देशद्रोह, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे मामले शामिल है।
2017 में ऐसे 9,013 मामले दर्ज किए गए।
हरियाणा में राज्य के खिलाफ अपराध के सबसे अधिक 2,576 मामले सामने आए जिनमें से 13 देशद्रोह के मामले रहे।
वहीं असम में देशद्रोह के सबसे अधिक 19 मामले सामने आए।