नीतीश कुमार INDIA गठबंधन से तोड़ सकते हैं नाता, भाजपा के साथ जाने के संकेत- रिपोर्ट
क्या है खबर?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने चौंकाने वाले फैसलों के लिए जाने जाते हैं। कभी भाजपा तो कभी महागठबंधन के साथ सरकार बनाकर वे बिहार की राजनीति के केंद्र में रहते हैं।
अब एक बार फिर नीतीश के पाला बदलने की अटकलें हैं। खबर है कि नीतीश कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) यानि INDIA गठबंधन का साथ छोड़ दोबारा भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
नीतीश के विधानसभा भंग करने की सिफारिश करने की भी संभावना है।
मंजूरी
भाजपा आलाकमान ने दी नीतीश के शामिल होने की मंजूरी- रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के शीर्ष नेताओं ने नीतीश को पार्टी में शामिल होने के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी है। हालांकि, नीतीश मुख्यमंत्री पद भी चाहते हैं, जिसे लेकर भाजपा के भीतर ही कुछ असहमति जताई जा रही है।
दूसरी ओर RJD और कांग्रेस भी नीतीश को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने नीतीश से फोन पर बात की है।
कांग्रेस भी उन्हें अपनी यात्रा में बुलाने की कोशिश में है।
विधानसभा
बिहार में हलचल तेज, बैठकों के दौर जारी
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, नीतीश के पाला बदलने की अटकलों के कारण बिहार में हलचल तेज हो गई है। भोला यादव और शक्ति सिंह यादव राबड़ी आवास पहुंचे हैं।
दूसरी ओर बिहार भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी भी आनन-फानन में दिल्ली रवाना हुए हैं। उनके साथ केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और केसी त्यागी भी हैं।
24 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बिहार को लेकर गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से बात की।
गणित
क्या है बिहार विधानसभा का गणित?
बिहार की 243 सदस्यों की विधानसभा में बहुमत के लिए 122 सदस्यों की जरूरत है। फिलहाल RJD के सबसे अधिक 79 विधायक हैं।
इसके बाद भाजपा के पास 78, जनता दल युनाइटेड (JDU) के पास 45, कांग्रेस के पास 19, कम्युनिस्ट पार्टी के पास 12, AIMIM के पास एक और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के 4 विधायक हैं।
अगर नीतीश अलग होते हैं तो RJD, कांग्रेस और वाम दलों के पास 114 सीटें होंगी, जो बहुमत से 8 कम हैं।
बयान
नीतीश ने परिवारवाद पर दिया था बड़ा बयान
नीतीश ने भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर जन्म शताब्दी समारोह में राजनीति में परिवारवाद पर हमला बोला था।
उन्होंने कर्पूरी ठाकुर के राजनीतिक जीवन और उनकी ईमानदारी का हवाले देते हुए कहा था कि आज की तारीख में कुछ लोग अपने परिवार के सदस्यों को आगे बढ़ाने में लगे रहते हैं, जबकि कर्पूरी ठाकुर ने कभी ऐसा नहीं किया।
नीतीश के इस बयान को यादव परिवार पर कटाक्ष के तौर पर देखा गया था।
लालू
लालू की बेटी ने की विवादित पोस्ट, बाद में हटाई
नीतीश के पाला बदलने की अटकलों के बीच लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने 'एक्स' पर लिखा, 'समाजवादी पुरोधा होने का करता वही दावा है, हवाओं की तरह बदलती जिनकी विचारधारा है।'
एक अन्य पोस्ट में रोहिणी ने लिखा, 'अक्सर कुछ लोग नहीं देख पाते हैं अपनी कमियां, लेकिन किसी दूसरे पे कीचड़ उछालने को करते रहते हैं बदतमीजियां।'
हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद रोहिणी ने ये पोस्ट डिलीट कर दी।
नीतीश
नीतीश ने कब-कब बदला पाला?
अगर नीतीश NDA में जाते हैं तो ये उनके राजनीतिक करियर का 5वां दल-बदल होगा। आखिरी बार उन्होंने 2022 में NDA का साथ छोड़ RJD-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।
नीतीश ने सबसे पहले 1994 में लालू यादव की जनता दल का साथ छोड़ जॉर्ज फर्नांडिस के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया था। 2003 में समता पार्टी JDU बन गई।
इसके बाद 2013, 2017 और 2022 में उन्होंने दल-बदल किया।