बिहार: नीतीश कुमार ने दिया मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा, भाजपा से गठबंधन तोड़ा
जनता दल यूनाइटेड (JDU) प्रमुख नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। वे थोड़ी देर पहले राज्यपाल फागु चौहान से मिले और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। नीतीश अपने सहयोगी भाजपा से नाराज थे और इसी कारण उन्होंने उससे अपना गठबंधन तोड़ते हुए अपना इस्तीफा दिया है। आज सुबह हुई JDU विधायकों और सांसदों की बैठक में पार्टी और नीतीश ने भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया था।
नीतीश का RJD और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाना लगभग तय
भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद नीतीश का मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाना लगभग तय है। RJD और कांग्रेस, दोनों पार्टियों के नेताओं ने नीतीश के साथ गठबंधन में सरकार बनाने की पुष्टि की है। इन दोनों पार्टियों ने भी आज अपने-अपने विधायक दलों की बैठक भी बुलाई थी। जीतनराम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा और CPIML जैसी छोटी पार्टियों ने भी नीतीश को समर्थन दिया है।
राजभवन तक मार्च करेंगे JDU और महागठबंधन के नेता
रिपोर्ट्स के अनुसार, नीतीश के इस्तीफे के बाद JDU और महागठबंधन के नेता राजभवन तक मार्च करते हुए अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद नीतीश राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा करेंगे। इस दौरान RJD नेता तेजस्वी यादव उनके साथ हो सकते हैं।
उपमुख्यमंत्री बनेंगे तेजस्वी, मंत्रालयों का बंटवारा नीतीश के हाथ में
NDTV के सूत्रों के अनुसार, नीतीश और तेजस्वी के बीच सरकार के गठन को लेकर लगभग हर बात पर सहमति बन गई है। नीतीश मुख्यमंत्री बने रहेंगे, वहीं तेजस्वी उपमुख्यमंत्री के तौर पर वापसी करेंगे। मंत्रालयों का बंटवारा नीतीश अपने हिसाब से कर सकेंगे। स्पीकर तेजस्वी की RJD से होगा। गृह मंत्रालय भी तेजस्वी को दिया जा सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच पिछले तीन-चार महीने से इस पर बातचीत चल रही थी।
पांच साल बाद महागठबंधन में वापस आए नीतीश
बता दें कि नीतीश कुमार ने पांच साल बाद महागठबंधन में वापसी की है। उन्होंने 2015 बिहार विधानसभा चुनाव महागठबंधन के साथ लड़ा था, लेकिन तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद वह 2017 में महागठबंधन से बाहर निकल गए और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली। अब उन्होंने इसका ठीक उल्टा किया है और 2020 विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ लड़ने के बाद अब उससे गठबंधन तोड़ महागठबंधन के साथ सरकार बना रहे हैं।
नीतीश ने भाजपा से गठबंधन क्यों तोड़ा?
यूं तो नीतीश और भाजपा के संबंध 2019 लोकसभा चुनाव से ही सहज नहीं रहे हैं, लेकिन मौजूदा घटनाक्रम नीतीश के उत्तराधिकारी रहे आरसीपी सिंह को लेकर पैदा हुआ है। JDU का आरोप है महाराष्ट्र में शिवसेना की तरह भाजपा सिंह के जरिए JDU को भी तोड़ने की कोशिश कर रही थी और नीतीश को इसकी भनक लग गई थी। इसके अलावा नीतीश अमित शाह के बिहार को रिमोट कंट्रोल करने की कोशिश करने से भी नाराज थे।
विधानसभा में क्या समीकरण हैं?
243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में अभी RJD के सबसे अधिक 79 विधायक हैं, वहीं 77 विधायकों के साथ भाजपा दूसरे स्थान पर है। नीतीश की JDU के 45 विधायक हैं, वहीं 19 विधायकों के साथ कांग्रेस चौथे स्थान पर है। कम्युनिस्ट पार्टी (ML-लिबरेशन) के 12, मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी के चार-चार और AIMIM का एक विधायक है। सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों की जरूरत है और JDU-RJD के ही 124 विधायक हैं।