बिहार के 40 कॉलेजों की मान्यता हुई रद्द, छात्र नहीं ले पाएंगे परीक्षा में भाग
बिहार के कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। राज्य के 40 कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी गई है। आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (AKU) ने इन कॉलेजों की मान्यता निरस्त की है। ये पहली बार है जब राज्य में एक साथ इतने कॉलेजों की मान्यता रद्द हुई है। विश्वविद्यालय के सुप्रीम बॉडी कोर्ट ने ये फैसला लिया है और इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं।
क्यों रद्द हुई मान्यता?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्व अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर कई कॉलेजों को संबद्धता दी थी। इन कॉलेजों में किसी भी तरह के कानून का पालन नहीं किया जा रहा था। कई कॉलेज केवल कागजों पर संचालित हो रहे थे तो कुछ कॉलेजों में नामांकन की प्रक्रिया तक शुरू नहीं हुई थी। इन कॉलेजों की स्थिति अच्छी नहीं थी। इन कॉलेजों की जांच के दौरान संतोषजनक जवाब और दस्तावेज नहीं मिलने पर मान्यता रद्द की गई।
अब हर साल लेनी होगी मान्यता
40 कॉलजों की मान्यता रद्द करने के फैसले के साथ ही विश्वविद्यालय ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय किया है। इसके मुताबिक, अब विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी शिक्षण संस्थानों को केवल 1 साल के लिए ही मान्यता मिलेगी। पहले कॉलेजों को 3 साल की मान्यता मिलती थी, लेकिन अब इसे बदल दिया गया है। अब एक नामांकन सत्र पूरा होने के बाद कॉलेजों को मान्यता प्राप्त करने के लिए दोबारा आवेदन करना होगा।
छात्र नहीं भर पाएंगे परीक्षा पत्र
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर राजीव रंजन ने बताया कि अब इन कॉलेज के छात्रों की परीक्षा नहीं होगी। कॉलेज में नामांकित छात्र परीक्षा पत्र नहीं भर पाएंगे। विश्वविद्यालय ने फैसला लिया है कि इन कॉलेजों की मान्यता अब दोबारा बहाल नहीं की जाएगी। इसके अलावा इन कॉलेजों के नाम से स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ भी नहीं मिलेगा। इन कॉलेजों में नामांकित छात्र दूसरे कॉलेजों में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं।
60 से अधिक कॉलेजों के छात्रों को मिलेगी क्रेडिट कार्ड की राशि
AKU विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त 80 से अधिक कॉलेजों में छात्रों को स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड का लाभ नहीं मिल रहा है। इसके चलते छात्र और अभिभावक पिछले डेढ़ साल से परेशान हैं, लेकिन अब विश्वविद्यालय कोर्ट की बैठक में डीआरसीसी से स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड की राशि जारी करने की बात कही गई। ये राशि जल्द से जल्द संबंधित कॉलेजों में भेजी जाएगी। इस फैसले से 10,000 से ज्यादा छात्रों को राहत मिलेगी।