
क्या भाजपा को पहले से थी नीतीश कुमार के गठबंधन तोड़ने के कदम की जानकारी?
क्या है खबर?
जनता दल यूनाइटेड (JDU) प्रमुख नीतीश कुमार ने मंगलवार को भाजपा के साथ अपना गठबंधन तोड़ते हुए बिहार के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।
इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के साथ महागठबंधन बनाते हुए राज्यपाल के पास सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया। वह बुधवार शाम 4 बजे आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भाजपा को उनके इस कदम की जानकारी थी?
दावा
नीतीश ने किया 164 विधायकों के समर्थन का दावा
नीतीश ने RJD प्रमुख तेजस्वी यादव के साथ राज्यपाल फागु चौहान के पास सरकार बनाने का दावा पेश किया और सात पार्टियों तथा एक निर्दलीय सहित 164 विधायकों के समर्थन का भी पत्र सौंपा।
यह भी कहा जा रहा है कि तेजस्वी और नीतीश के बीच पिछले तीन-चार महीनों से इस मामले पर बातचीत चल रही थी और आखिरकार इसमें सफलता मिल गई।
इस बीच भाजपा सूत्रों का कहना है कि उन्हें इस कदम की जानकारी थी।
दावा
भाजपा ने नहीं किया नीतीश को मनाने का प्रयास
भाजपा सूत्रों ने NDTV से कहा कि नीतीश का भाजपा से गठबंधन तोड़ने का कदम एक विश्वासघात था और उन्होंने बार-बार पाला बदलने की अपनी आदत से विश्वसनीयता खो दी थी।
सूत्रों ने यह भी कहा कि पार्टी की शीर्ष नेताओं को पहले से उनके इस कदम की जानकारी थी, लेकिन उसके बाद भी किसी भी नेता ने उन्हें मनाने या गठबंधन में रोकने के लिए उनसे संपर्क नहीं किया। शीर्ष नेता उनकी मंशा को पहले भी भांप चुके थे।
जानकारी
नीतीश कुमार में बढ़ गई थी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाएं- सूत्र
भाजपा सूत्रों ने कहा भाजपा को यकीन है कि नीतीश कुमार की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाएं बहुत अधिक बढ़ गई थी और वह 2024 के आम चुनावों में विपक्ष का नेतृत्व करना एक बेहतर विकल्प के रूप में देखते हैं। ऐसे में उन्होंने यह कदम उठाया है।
सुगबुगाहट
क्या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया था नीतीश को फोन?
भाजपा के बड़े नेता सोमवार से ही इस घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए थे और चुप्पी साधे बैठे थे, लेकिन सूत्रों का यह भी कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार शाम को नीतीश से फोन पर बात की थी, लेकिन इसके बावजूद भी वह उनका फैसला बदल नहीं सके।
अब नीतीश के गठबंधन तोड़ने और महागठबंधन में शामिल होने के बाद भाजपा नेता मामले की पहले से जानकारी होने का दावा कर रहे हैं।
ईमानदारी
36 सीटें होने के बाद भी नीतीश को बनाया मुख्यमंत्री- सिंह
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने NDTV से खास बातचीत में कहा, "बिहार में भाजपा गठबंधन के धर्म का पालन कर रही है। हमने तो नीतीश कुमार को तब भी राज्य का मुख्यमंत्री बनाया था जब उनके पास सिर्फ 36 सीटें थी और हमारे 63 विधायक थे।"
सूत्रों के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने नीतीश को कई बार नाराज किया। इसके बाद भी वह गठबंधन में बने रहे, लेकिन महाराष्ट्र के घटनाक्रम के बाद वह सहम गए थे।
कारण
नीतीश ने भाजपा से गठबंधन क्यों तोड़ा?
यूं तो नीतीश और भाजपा के संबंध 2019 लोकसभा चुनाव से ही सहज नहीं रहे हैं, लेकिन मौजूदा घटनाक्रम नीतीश के उत्तराधिकारी रहे आरसीपी सिंह को लेकर पैदा हुआ है।
JDU का आरोप है महाराष्ट्र में शिवसेना की तरह भाजपा सिंह के जरिए JDU को भी तोड़ने की कोशिश कर रही थी और नीतीश को इसकी भनक लग गई थी।
इसके अलावा नीतीश अमित शाह के बिहार को रिमोट कंट्रोल करने की कोशिश करने से भी नाराज थे।