बिहार में ओवैसी को बड़ा झटका, AIMIM के 4 विधायकों ने थामा RJD का दामन
महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट के बीच बिहार में भी बड़ी राजनीतिक हलचल देखने को मिली है। राज्य में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को बड़ा झटका लगा है। उनकी पार्टी के पांच विधायकों में से चार ने बुधवार को तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दामन थाम लिया है। इसके साथ ही अब राज्य विधानसभा में में RJD के विधायकों की संख्या 79 हो गई है।
किन नेताओं ने की बगावत?
न्यूज 18 के अनुसार, AIMIM को छोड़कर RJD में शामिल होने वाले में कोचाधामन सीट से विधायक मुहम्मद इजहार अस्फी, जोकीहाट सीट से शाहनबाज आलम, बायसी सीट से सैयद रुकनुद्दीन अहमद और बहादुरगंज के विधायक अनजार नईमी शामिल हैं। हालांकि, अख्तरुल इमान अभी AIMIM में बने हुए हैं। इससे पहले RJD प्रमुख तेजस्वी ने चारों विधायकों के साथ विधानसभा पहुंचकर स्पीकर से मुलाकात की और उनके पार्टी में शामिल होने की जानकारी दी।
क्या है विधायकों के RJD में शामिल होने का कारण?
सूत्रों के अनुसार, चारों विधायक उत्तर प्रदेश में पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद से अपने भविष्य को लिए आशंकित थे। इसका कारण था कि उत्तर प्रदेश चुनाव में AIMIM ने 90 से अधिक सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन पार्टी को एक भी सीट पर जीत नसीब नहीं हुई थी। ऐसे में चारों विधायकों ने आने वाले समय में अपने राजनीतिक करियर को लंबा खींचने के लिए RJD के साथ जाने का निर्णय किया है।
AIMIM ने की थी RJD के वोटों में कटौती
बता दें कि बिहार में साल 2020 में हुए विधानसभा चुनावों में मुस्लिम मतदाताओं द्वारा समर्थित AIMIM ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था और पांच सीटों पर उसके उम्मीदवारों को जीत मिली थी। इसके अलावा पूरे चुनाव में पार्टी ने RJD के वोटों में कटौती करते हुए उसे सबस बड़ा नुकसान पहुंचाया था। हालांकि, उत्तर प्रदेश चुनाव में राज्य के मुस्लिमों पर AIMIM का कोई प्रभाव नहीं पड़ा और उसका कोई उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर पाया।
बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनी RJD
AIMIM विधायकों के शामिल होने से RJD को फायदा हुआ है। राज्य विधानसभा में इससे पहले उसके विधायकों की संख्या 75 थी, लेकिन चारों विधायकों के पार्टी में शामिल होने से उसकी संख्या 79 हो गई है और वह सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। हालांकि, चुनाव के समय भी वह सबसे बड़ी पार्टी थी, लेकिन विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के तीन विधायकों के भाजपा में शामिल होने से वह 77 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी।