नीतीश की राहुल और खड़गे के साथ बड़ी बैठक, विपक्ष को एकजुट करने पर बनी सहमति
लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता को मजबूत करने की कवायद जारी है। इस कड़ी में बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके आवास पर एक बैठक की, जिसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत कई अन्य नेता मौजूद रहे। इस मौके पर खड़गे ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने को लेकर यह एक ऐतिहासिक बैठक थी।
खड़गे बोले- सभी विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाने पर बनी सहमति
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा कि इस बैठक में विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाने को लेकर सहमति बनी है और सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ लोकसभा चुनाव से पहले समान विचाराधारा वाली पार्टियों को एक साथ लाया जाएगा। जनता दल यूनाइटेड (JDU) प्रमुख लल्लन सिंह ने कहा कि बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई और चुनाव से पहले अधिक से अधिक पार्टियों को पूरे देश में एकजुट करने का प्रयास करना है।
बैठक को लेकर खड़गे ने किया ट्वीट
राहुल गांधीं बोले- सभी विपक्षी पार्टियों को साथ लेकर चलेंगे
इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा, "विपक्ष को एक करने का एक बेहद ऐतिहासिक फैसला लिया गया है, यह एक प्रक्रिया है। विपक्ष का देश के लिए जो विजन है, हम उसे और विकसित करेंगे। जितनी भी विपक्षी पार्टियां साथ आएंगी, हम उन्हें साथ लेकर चलेंगे।" उन्होंने कहा, "आज देश की संवैधानिक संस्थाओं पर जो हमला हो रहा है, हम उसके खिलाफ एक साथ खड़े होंगे और पूरा ताकत से लड़ेंगे।"
बैठक में ये नेता भी रहे मौजूद
इन नेताओं के अलावा बैठक में JDU अध्यक्ष लल्लन सिंह, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सांसद मनोज झा, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद, मुकुल वासनिक और बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी मौजूद रहे।
राहुल की सांसदी जाने के बाद एकजुट दिखा था विपक्ष
लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही विपक्षी पार्टियां केंद्र की भाजपा सरकार को मात देने के लिए नए समीकरण तलाश कर रही हैं। कुछ पार्टियों ने संयुक्त मोर्चा को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है, जबकि अन्य पार्टियों ने मिले-जुले संकेत दिए हैं। पिछले दिनों पश्चिम बंगाल उपचुनाव हारने के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, लेकिन राहुल की सांसदी जाने के बाद वह विपक्षी पार्टियों के साथ खड़ी हुई थी।
विपक्षी मोर्चे पर किन पार्टियों का रुख स्पष्ट नहीं है?
हाल में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने में कामयाब हुई आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी विपक्षी मोर्चे में शामिल होने को लेकर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। इसी महीने AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि लोगों की एकता महत्वपूर्ण है, न कि विपक्षी एकता। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने विपक्षी मोर्चे के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन वह इसमें कांग्रेस को शामिल नहीं करना चाहती है।