चंदा हासिल करने में भाजपा ने कांग्रेस को पछाड़ा, साल 2018-19 में जुटाए 742 करोड़
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों ने दानदाताओं से छप्पर फाड़कर चंदा एकत्रित किया है। साल 2018-19 में देश के तमाम राजनीतिक दलों को कुल 5,520 दानदाताओं से 20,000 से अधिक राशि का कुल 951.66 करोड़ रुपये का दान मिला है। यह चंदा साल 2017-18 में मिले 481.77 करोड़ से 103 प्रतिशत अधिक है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (ADR) की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
भाजपा को मिला 742 करोड़ रुपये का चंदा
ADR की रिपोर्ट की अनुसार साल 2018-19 में सत्ताधारी भाजपा चंदा हासिल करने के मामले में सभी राजनीतिक दलों से कोसों आगे निकल गई है। भाजपा को कुल 742.15 करोड़ रुपए का चंदा मिला है। खास बात यह है कि 2017-18 में यह राशि 437.04 करोड़ रुपए ही थी। ऐसे में इस साल भाजपा के चंदे में करीब 70 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। भाजपा का यह चंदा कांग्रेस, NCP, CPI, CPM और तृणमूल कांग्रेस से तीन गुना अधिक है।
कांग्रेस के चंदे में हुई 457 प्रतिशत की वृद्धि
रिपोर्ट के अनुसार साल 2018-19 में कांग्रेस पार्टी को कुल 148.58 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। जबकि साल 2017-18 में उसे महज 26.65 करोड़ रुपये का ही चंदा मिला था। ऐसे में कांग्रेस के चंदे में 457 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। गौर करने वाली बात यह है कि कांग्रेस को यह राशि 605 दानदाताओं से हासिल हुई है, जबकि भाजपा को चंदा हासिल करने में 4,483 दानदाताओं का सहयोग मिला है।
बसपा को नहीं मिला बड़ा चंदा
रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां अन्य पार्टियों ने करोड़ों रुपये का चंदा एकत्रित किया है, वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की तीन बड़ी पार्टियों में शामिल बसपा को इस अवधि में 20,000 रुपये से अधिक का एक भी चंदा नहीं मिला है।
कॉरपोरेट सेक्टर ने राजनीतिक दलों को दिया 876 करोड़ का चंदा
राजनीतिक दलों को सबसे ज्यादा चंदा कॉरपोरेट सेक्टर से मिला है। कॉरपोरेट सेक्टर के 1,776 दानदाताओं ने साल 2018-19 में सभी दलों को कुल 876.11 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। इसके उलट 3,509 अन्य दानदाताओं ने पार्टियों को महज 71.40 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। कॉरपोरेट सेक्टर के प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट ने सभी पार्टियों को कुल 455.15 करोड़ रुपये का चंदा दिया है।
कॉरपोरेट सेक्टर की पहली पसंद रही है भाजपा
रिपोर्ट के मुताबिक चंदा देने में भाजपा कॉरपोरेट सेक्टर की पहली पसंद रही है। इस दौरान कॉरपोरेट सेक्टर के 1,575 दानदाताओं ने भाजपा को 698.92 करोड़ रुपये चंदा दिया था, जबकि 2,741 व्यक्तिगत दानदाताओं ने 41.70 करोड़ रुपये का चंदा दिया था। इसी तरह कांग्रेस ने वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान कॉरपोरेट सेक्टर से 122 दानदाताओं से कुल 122.5 करोड़ और 482 अन्य दाताओं से 25.39 करोड़ रुपये का चंदा हासिल किया था।
शीर्ष दो दानदाताओं में शामिल है प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट
चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने के मामले में कॉरपोरेट सेक्टर का प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट सबसे ज्यादा चंदा देने वाले शीर्ष दो दानदाताओं में शामिल है। इस ट्रस्ट ने भाजपा, कांग्रेस और तृणमृल कांग्रेस को 455.15 करोड़ का चंदा दिया है।
कॉरपोरेट सेक्टर के इन दो शीर्ष ट्रस्टों ने दिया सबसे ज्यादा चंदा
कॉरपोरेट सेक्टर का प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा को 356.535 करोड़ रुपये (पार्टी को प्राप्त कुल धन का (48.04 प्रतिशत) और कांग्रेस को 55.629 करोड़ (पार्टी को प्राप्त कुल धन का 37.44%) दान दिया है। उसने शेष राशि तृणमृल कांग्रेस व अन्य दलों को दान दी है। इसी तरह प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा को 67.25 करोड़ रुपये (कुल धन का 9.06%) और कांग्रेस को 39 करोड़ रुपये (कुल धन का 26.25%) चंदा दिया है।
ADR ने राजनीतिक दलों के हलफनामे के आधार पर तैयार की रिपोर्ट
ADR ने राजनीतिक दलों को मिले चंदे की रिपोर्ट उनके द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान प्रस्तुत किए गए हलफनामे के आधार पर तैयार की है। चुनाव आयोग के नियमानुसार सभी राजनीतिक दलों को चुनाव से पहले हासिल किए गए चंदे की जानकारी अपने चुनावी हलफनामे में देनी होती है। इस हफलनामे में दलों को 20,000 रुपये से अधिक का चंदा हासिल करने की जानकारी देनी होती है। इससे कम के चंदे का रिकॉर्ड देना आवश्यक नहीं है।