चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने दिया इस्तीफा, अब एशियाई विकास बैंक में संभालेंगे उपाध्यक्ष पद
चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वो अगले महीने फिलिपींस स्थित एशियाई विकास बैंक (ADB) के उपाध्यक्ष का पद संभालेंगे। अगर वो इस पद पर रहते तो देश के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त बनते। लवासा ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति कोविंद को सौंपा है और उनसे 31 अगस्त से पहले उन्हें पद मुक्त करने की मांग की है। उनका इस्तीफा मंजूर होने की जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है।
15 जुलाई को हुई थी लवासा की ADB में नियुक्ति की घोषणा
एशियाई विकास बैंक ने 15 जुलाई को लवासा की नियुक्ति की घोषणा की थी। ADB की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि लवासा को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP) और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में अनुभव के साथ-साथ सार्वजनिक नीतियों और निजी क्षेत्र की भूमिका की जानकारी है। लवासा 31 अगस्त को रिटायर हो रहे उप प्रमुख दिवाकर गुप्ता का स्थान लेंगे, जो निजी क्षेत्र संचालन और PPP के मौजूदा इंचार्ज हैं।
क्या है एशियाई विकास बैंक?
दूसरे विश्व युद्ध में नुकसान के पुनर्वास और पुनर्निर्माण के प्रयासों को लागू करने के लिए ADB की स्थापना की गई थी। इसका मूल उद्देश्य ऐसी वित्तीय संस्थाओं का निर्माण करना है जो एशिया की आर्थिक गतिविधियों को नई दिशा दे सके और गरीब एशियाई देशों के विकास में मदद कर सके। भारत इसके संस्थापक देशों में शामिल है। ADB ने कोरोना संकट से निपटने के लिए भारत को 2.2 बिलियन डॉलर के आर्थिक सहयोग का आश्वासन दिया है।
लवासा का आयोग में बाकी था दो साल का कार्यकाल
ADB प्रमुख छह उपाध्यक्षों की प्रबंधन टीम का नेतृत्व करता है। उपाध्यक्ष की नियुक्ति तीन साल के लिए होती है, जिसे बाद में दो साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। अभी चुनाव आयोग में लवासा का दो साल का कार्यकाल बाकी था। वो अक्टूबर, 2022 में मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के पद से रिटायर होते। CEC रहते हुए उनकी देखरेख में उत्तर प्रदेश, गोवा, पश्चिम बंगाल, पंजाब और मणिपुर में आदि राज्यों में विधासनभा चुनाव होते।
कार्यकाल से पहले इस्तीफा देने वाले दूसरे चूनाव आयुक्त बने लवासा
चुनाव आयोग के इतिहास में यह महज दूसरी बार है जब कोई चुनाव आयुक्त अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले इस्तीफा दे रहा है। लवासा के जाने के बाद सुशील चंद्रा उनकी जगह लेंगे। इससे पहले 1973 में तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त नागेंद्र सिंह ने अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में न्यायधीश बनने के लिए अपने पद से इस्तीफा दिया था। बता दें, लवासा बीते साल हुए लोकसभा चुनावों के समय काफी चर्चा में रहे थे।
मोदी और शाह को क्लीन चिट का किया था विरोध
अशोक लवासा ने 2019 के लोकसभा चुनावों के समय आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को क्लीन चिट देने का विरोध किया था। चुनावों के तुरंत बाद लवासा की पत्नी, बेटा और बहन समेत तीन लोग आयकर विभाग के निशाने पर आ गए। उन पर आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप लगे थे। इन तीनों को विभाग की तरफ से नोटिस भेजे गए थे। वहीं लवासा परिवार ने आरोपों का खंडन किया था।
रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं लवासा
1980 बैच के हरियाणा कैडर के रिटायर्ड IAS अधिकारी लवासा 23 जनवरी, 2018 को चुनाव आयोग के साथ जुड़े थे। वो वित्त सचिव के पद से रिटायर हुए थे। सेवाकाल के दौरान वो पर्यावरण और नागरिक विमानन सचिव भी रहे थे। 2001-02 में आर्थिक मामलों के विभाग में संयुक्त सचिव रहते हुए लवासा ने ADB से जुड़ा कामकाज भी देखा था। उन्होंने पेरिस समझौते के लिए जलवायु परिवर्तन वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था।