राहुल गांधी नहीं रहे सांसद, मानहानि मामले में सजा के बाद रद्द की गई संसद सदस्यता
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है। लोकसभा सचिवालय ने इस संबंध में शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी की। मोदी सरनेम को लेकर मानहानि से जुड़े एक मामले में सूरत कोर्ट ने कल ही उन्हें 2 साल की जेल और 15,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनके खिलाफ ये कार्रवाई की गई है। वह केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद थे।
लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना में क्या कहा?
लोकसभा सचिवालय की ओर से इस बारे में एक अधिसूचना जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट की तरफ से दोषी करार दिए जाने के बाद केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता को रद्द किया जाता है। यह आदेश उनके दोषी साबित होने के दिन यानी 23 मार्च, 2023 से लागू रहेगा। लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 8 के तहत यह फैसला लिया गया है।
राहुल गांधी को किस मामले में हुई थी सजा?
2019 लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है। उन्होंने कहा था, "नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी... ऐसा कैसे है कि इन सभी का सरनेम मोदी है? सभी चोरों को सरनेम मोदी क्यों होता है?" इस बयान पर सूरत पश्चिम के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था।
राहुल को मिला है अपील का समय
राहुल को सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील के लिए 30 दिन का समय मिला है। राहुल के वकील ने भी हाई कोर्ट जाने की बात कही थी। हालांकि, अभी तक राहुल की ओर से अपील नहीं की गई है।
किस कानून के तहत गई राहुल की संसद सदस्यता?
राहुल की संसद सदस्यता लोक प्रतिनिधित्व कानून, 1951 के तहत रद्द की गई है। इस कानून की धारा 8(3) के मुताबिक, किसी जन प्रतिनिधि को किसी मामले में 2 या इससे अधिक साल की सजा होती है तो उसकी सदस्यता रद्द हो जाएगी। पहले इस कानून की धारा 8(4) के तहत सजा होने के 3 महीने बाद सदस्यता रद्द होने का फैसला लागू होता था, लेकिन 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया था।
8 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे राहुल?
लोक प्रतिनिधित्व कानून के मुताबिक दोषी संसद सदस्य सजा पूरी होने के 6 साल बाद तक चुनाव नहीं लड़ सकता। इस लिहाज से राहुल 6 साल चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। उन्हें 2 साल की सजा भी हुई है। इसे मिलाकर कुल 8 साल तक राहुल चुनावों में खड़े नहीं हो पाएंगे। इसका मतलब राहुल 2031 तक चुनावी मैदान में नहीं उतर पाएंगे। इस बीच 2024 और 2029 में 2 लोकसभा चुनाव भी होंगे।
सदस्यता रद्द होने पर बोली कांग्रेस- लड़ाई जारी है
राहुल के पास अब क्या विकल्प हैं?
राहुल सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील कर सकते हैं। यहां उन्हें न सिर्फ सजा पर रोक लगवानी होगी, बल्कि फैसले को भी रद्द करवाना होगा। इसके बाद ही उनकी सदस्यता बचेगी और वो भविष्य में चुनाव लड़ सकेंगे।