अमित शाह को फोन करने के दावों पर ममता बोलीं- साबित हुआ तो इस्तीफा दे दूंगी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (TMC) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस दिलवाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को फोन नहीं किया था। उन्होंने कहा कि अगर इस दावे को लेकर कोई भी सबूत सामने आता है तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगी। दरअसल, नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने मंगलवार को दावा किया था कि ममता ने शाह को कई बार फोन किया था।
सुवेंदु अधिकारी ने क्या कहा था?
सुवेंदु अधिकारी ने हुगली जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि ममता ने अमित शाह को फोन करके चुनाव आयोग के निर्णय को रद्द करने का अनुरोध किया था। सुवेंदु ने कहा था, "पहले ममता ने शाह के इस्तीफे की मांग की थी, लेकिन TMC का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खत्म होने के बाद ममता ने बार-बार उन्हें (शाह को) फोन करके निर्णय को रद्द करने का अनुरोध किया। हालांकि, इसका कोई नतीजा नहीं निकला।"
TMC बोली- ममता की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं सुवेंदु
TMC ने भी सुवेंदु पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ममता की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। TMC ने ट्वीट किया, 'भारत की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक अदम्य भावना रखती हैं। सुवेंदु अधिकारी अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए फर्जी खबरें फैला रहे हैं। हम उनके निराधार दावों का पर्दाफाश करने और सच्चाई सामने लाने के लिए कानूनी मदद लेंगे।'
चुनाव आयोग ने छीना था TMC समेत 3 पार्टियों का राष्ट्रीय दर्जा
चुनाव आयोग ने हाल ही में TMC का राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीन लिया था। TMC के अलावा राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) से भी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छीन लिया गया था। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी (AAP) को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दे दिया गया था। बता दें कि राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए तीन अलग-अलग पैमाने हैं और पार्टियों को इनमें से किसी एक पैमाने को पूरा करना होता है।
TMC से क्यों छीना गया राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा?
TMC को पश्चिम बंगाल, मणिपुर, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में क्षेत्रीय पार्टी बनने के बाद राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला था। हालांकि, गोवा और पूर्वोत्तर राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद उससे ये दर्जा छीन लिया गया। TMC नेताओं ने कहा था कि वे चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ कानूनी सलाह ले रहे हैं। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा छिन जाने के बाद TMC कई फायदों से वंचित हो गई है।