पश्चिम बंगाल: पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी पर ममता की टिप्पणी, मीडिया ट्रायल का आरोप लगाया
क्या है खबर?
शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को 3 अगस्त तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रिमांड में भेज दिया गया है।
ED ने इस मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) विधायक और स्कूल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मणिक भट्टाचार्य से भी पूछताछ की है।
वहीं इस मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने टिप्पणी करते हुए मीडिया ट्रायल का आरोप लगाया है।
बयान
ममता बनर्जी ने क्या कहा?
देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना की 'कंगारू कोर्ट' वाली टिप्पणी का संदर्भ देते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि गलतियां करने का अधिकार है। अगर किसी ने गलती की है और यह कानूनन तौर पर साबित हो जाती है तो कार्रवाई होगी। मीडिया ट्रायल की आलोचना करते हुए बनर्जी ने कहा कि हर किसी को चोर बनाया जा रहा है।
उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि जो लोग दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
दावा
चटर्जी ने मेरे घर को मिनी बैंक की तरह इस्तेमाल किया- मुखर्जी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अर्पिता मुखर्जी ने ED से पूछताछ में दावा किया कि पार्थ चटर्जी उनके घर पर पैसे इकट्ठा करते थे और उनके घर को मिनी बैंक की तरह इस्तेमाल किया गया। मुखर्जी ने ED को बताया कि जिस कमरे से पैसे मिले हैं, उसमें केवल चटर्जी और उनके लोग ही जाते थे।
बता दें कि ED ने छापेमारी में अर्पिता के घर से 21 करोड़ रुपये कैश बरामद किया था।
छापेमारी
गलत पत्ते पर दर्ज है मुखर्जी की संपत्ति
मुखर्जी ने यह भी बताया कि चटर्जी हर हफ्ते या 10 दिनों में उनके घर आते थे। उनके अलावा एक और महिला के घर को भी उन्होंने मिनी बैंक की तरह इस्तेमाल किया। यह महिला भी चटर्जी की करीबी सहयोगी बताई जा रही है।
वहीं ED ने बुधवार को मुखर्जी के घर से मिली दस्तावेजों के आधार पर एक संपत्ति पर छापेमारी की थी। इसमें पता चला कि यह संपत्ति गलत पते पर रजिस्टर करवाई गई थी।
जानकारी
जोर पकड़ने लगी है चटर्जी को हटाने की मांग
इन सब घटनाक्रमों के बीच पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। विपक्ष का कहना है कि उन्हें तुरंत मंत्री पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए। बुधवार को चटर्जी की कार विधानसभा सचिवालय में जमा करवा दी गई है।
परिचय
कौन हैं पार्थ चटर्जी?
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बंगाल महासचिव चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। कुछ समय तक उन्होंने संसदीय मामलों के मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला था।
2001 में पहली बार बहला पश्चिम सीट से TMC के टिकट पर चुनाव जीतने वाले चटर्जी लगातार विधायक बने आए हैं।
2011 में ममता बनर्जी की सरकार आने से पहले वो 2006 से लेकर 2011 तक पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे थे।
मामला
किस मामले में हो रही जांच?
पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन और पश्चिम बंगाल प्राइमरी एजुकेशन बोर्ड में घोटाले की जांच को लेकर कलकता हाई कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं।
इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने CBI से ग्रुप 'C' और 'D' कर्मचारी, 9वीं-10वीं कक्षा के असिस्टेंट टीचर और प्राइमरी टीचरों की भर्तियों में हुए घोटाले की जांच के आदेश दिए थे।
वहीं ED प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत इस मामले की जांच कर रही है।