पश्चिम बंगाल विधानसभा में BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के खिलाफ प्रस्ताव पारित
केंद्र सरकार की ओर से अंतरराष्ट्रीय सीमा रखने वाले राज्यों में सीमा सुरक्षा बल (BSF) का अधिकार क्षेत्र को बढ़ाए जाने के फैसले की खिलाफत बढ़ती जा रही है। पंजाब के बाद अब पश्चिम बंगाल सरकार ने भी इस फैसले के खिलाफ मंगलवार को विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर दिया। पश्चिम बंगाल सरकार का कहना है कि केंद्र का यह फैसला संघीय ढांचे के खिलाफ है और इससे राज्य का 30 प्रतिशत हिस्सा प्रभावित होगा।
केंद्र सरकार ने BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ाकर किया 50 किलोमीटर
बता दें कि केंद्र सरकार ने गत दिनों अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए BSF के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने का फैसला किया था। इसके तहत सीमा से सटे राज्यों में BSF अब अंतरराष्ट्रीय सीमा के भीतर 15 किलो मीटर की जगह 50 किलो मीटर तक के इलाके में एक्शन कर सकती है। हालांकि, केंद्र के इस फैसले के बाद सीमावर्ती उन राज्यों ने विरोध किया, जहां खासतौर से गैर भाजपा शासित सरकारें हैं।
फैसले के खिलाफ सबसे पहले पंजाब ने पारित किया था प्रस्ताव
केंद्र के इस फैसले के खिलाफ सबसे पहले पंजाब ने प्रस्ताव पारित किया था। पंजाब विधानसभा में गुरुवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के फैसले को खारिज कर दिया। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया था और कहा कि शिरोमणि अकाली दल ने हमेशा राजनीति के संकीर्ण चश्मे से सब कुछ देखा। उन्होंने केंद्र के इस फैसले को राज्य के अधिकार में हस्तक्षेप करार दिया था।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में भी पारित हुआ प्रस्ताव
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने केंद्र के फैसले के खिलाफ 112 विधायकों के समर्थन का प्रस्ताव पेश किया। इस दौरान उन्होंने कहा, "हम मांग करते हैं कि इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाए, क्योंकि BSF के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाना देश के संघीय ढांचे पर सीधा हमला है।" इस दौरान भाजपा के 63 विधायकों ने इस प्रस्ताव पर पुरजोर विरोध दर्ज कराया।
भाजपा विधायकों ने प्रस्ताव के खिलाफ यह दी दलील
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के प्रस्ताव पर विरोध जताते हुए भाजपा विधायकों ने कहा कि BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के फैसले से देश की सुरक्षा को मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि सरकार को देश की सुरक्षा के खिलाफ जाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा की मजबूती के लिए BSF का अधिकार क्षेत्र बंगाल में कम से कम 80 किलोमीटर तक बढ़ाया जाना चाहिए।
पश्चिम बंगाल के 10 जिलों से लगती है अंतरराष्ट्रीय सीमा
बता दें कि पश्चिम बंगाल के 23 में से 10 जिलों से होकर अंतरराष्ट्रीय सीमा गुजरती है। इनमें उत्तर बंगाल में दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जैसे जिलों से लेकर उत्तर 24 परगना और दक्षिण बंगाल में दक्षिण 24 परगना जिले शामिल है। TMC का कहना है केंद्र के फैसले से कई महत्वपूर्ण शहरों सहित राज्य का 30 प्रतिशत हिस्सा प्रभावित होगा। इसके अलावा कानून और व्यवस्था राज्य का विषय होने के कारण यह फैसला संघीय ढांचे के खिलाफ है।