कौन हैं NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ और कैसा रहा उनका राजनीतिक सफर?
क्या है खबर?
केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
भाजपा संसदीय दल की बैठक के बाद शनिवार देर रात धनखड़ के नाम का ऐलान करते हुए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें किसान पुत्र और जनता का राज्यपाल बताया।
आइए आपको धनखड़ के अब तक के राजनीतिक सफर के बारे में बताते हैं।
शुरूआत
राजस्थान के किसान परिवार में जन्मे धनखड़ ने वकालत से की शुरूआत
जाट समुदाय से आने वाले जगदीप धनखड़ का जन्म 1951 में राजस्थान के झुंझुनू जिले स्थित किठाना गांव में एक किसान परिवार में हुआ था।
उन्होंने अपनी शुरूआत पढ़ाई गांव के ही एक स्कूल से की और फिर स्कॉलरशिप पर चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल में पढ़ने चले गए।
इसके बाद उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से फिजिक्स और कानून की डिग्री हासिल की। वह सुप्रीम कोर्ट और राजस्थान हाई कोर्ट में वकालत भी कर चुके हैं।
राजनीतिक करियर
जनता दल के साथ की राजनीतिक करियर की शुरूआत
धनखड़ ने 1980 के दशक में जनता दल से अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की और 1989 में उसकी टिकट पर झुंझुनू सीट से लोकसभा सांसद चुने गए।
इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री और हरियाणा के दिग्गज नेता देवीलाल उनके गुरू रहे और जब 1990 में देवीलाल ने तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह की सरकार से समर्थन वापस लिया तो धनखड़ भी सरकार से बाहर हो गए।
इसके बाद वह 1990 में चंद्रशेखर सरकार में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री रहे।
दल-बदल
जनता दल के बाद कांग्रेस में शामिल हुए धनखड़
जनता दल के बाद धनखड़ ने काग्रेस की डोर थामी और 1993 में उसकी टिकट पर अलवर के किसानगढ़ से विधायक चुने गए।
हालांकि राजस्थान कांग्रेस में अशोक गहलोत के उदय के बाद वह किनारे होते चले गए और काफी समय तक अपने विकल्पों पर विचार करने के बाद अंत में 2008 में भाजपा में शामिल हो गए।
उन्हें राजस्थान की दिग्गज भाजपा नेता वसुंधरा राजे सिंधिया का करीबी माना जाता है।
राज्यपाल
राज्यपाल के तौर पर कई बार हुआ ममता बनर्जी की सरकार से टकराव
धनखड़ को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान जुलाई, 2019 में पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाए जाने के बाद मिली। राज्यपाल के तौर पर उनका तृणमूल कांग्रेस (TMC) की राज्य सरकार से कई बार टकराव हो चुका है।
उन्होंने 2021 विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया था। जवाब में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन पर निशाना साधा था।
TMC सरकार ने उन्हें यूनिवर्सिटीज के चांसलर के पद से हटाने वाला विधेयक भी पारित किया है।
जानकारी
धनखड़ का उपराष्ट्रपति बनना लगभग तय
6 अगस्त को उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद डालेंगे। दोनों ही सदनों में भाजपा के नेतृत्व वाले NDA का बहुमत है, ऐसे में धनखड़ का उपराष्ट्रपति बनना लगभग तय है। उपराष्ट्रपति के तौर पर वह राज्यसभा के सभापति की जिम्मेदारी संभालेंगे।