कौन है भूपेंद्र पटेल जो दूसरी बार बनने जा रहे हैं गुजरात के मुख्यमंत्री?
गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली रिकॉर्ड जीत के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल दूसरी बार राज्य की कमान संभालने के लिए तैयार हैं। गुजरात की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले पाटीदार समुदाय के सदस्य पटेल 12 अगस्त को राज्य के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। बता दें कि पटले ने पिछले साल पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के अचानक पद से इस्तीफा देने के बाद राज्य की बागडोर अपने हाथों में ली थी।
गुजरात में भाजपा की इस जीत के क्या है मायने?
गुजरात में भाजपा की यह जीत बहुत मायने रखती है। इसके दम पर उसने राज्य के विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा सीटें जीतने का रिकॉर्ड कायम किया है। उसने कांग्रेस द्वारा 1985 के चुनावों में जीती 149 सीटों के आंकड़े को पार कर लिया है। इसके अलावा, पटेल ने 2002 में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री बनने के दौरान जीती गई 127 सीटों के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है। इस जीत में पटेल की बड़ी भूमिका मानी जा रही है।
राजनीति में आने से पहले रियल एस्टेट का कारोबार करते थे भूपेंद्र पटेल
15 जुलाई, 1962 को अहमदाबाद में जन्मे भूपेंद्र पटेल राजनीति में आने से पहले 25 साल रियल एस्टेट कारोबार कर चुके हैं। वह सिविल इंजीनियर और गुजरात इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल इंजीनियर्स एंड आर्किटेक्ट्स (GICEA) के सदस्य भी रह चुके हैं। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरूआत 1990 के दशक में मेमनगर नगरपालिका से की और 1999-2000 और 2004-06 में दो बार अध्यक्ष रहे। इसके बाद 2008 से 2010 के बीच वो अहमदाबाद नगर निगम (AMC) स्कूल बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रहे।
पहली बार में ही पार्षद से AMC के प्रमुख बने पटेल
पटेल ने अपना पहला बड़ा चुनाव 2010 में AMC के थलतेज वार्ड से लड़ा और चुनाव में जीत दर्ज करके पार्षद बने। उन्होंने यहां भी बेहद तेजी से सफलता की सीढ़ियां चढ़ीं और 2010 से 2015 तक AMC की स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे। 2015 में उन्होंने अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण (AUDA) के चेयरमैन का पद भी संभाला और उनके नेतृत्व में अमित शाह के लोकसभा क्षेत्र में आने वाले बोपाल-घूमा इलाके में कई विकास कार्य हुए।
इन बड़े विकास कार्यों में भी रही पटेल की अहम भूमिका
पटेल के नेतृत्व में AMC में भी कई बड़े विकास कार्य हुए। साबरमती रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट और बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) का ज्यादातर हिस्सा उनके कार्यकाल में ही पूरा हुआ था। उन्होंने SVP अस्पताल भी बनवाया जो महामारी में दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल बनकर उभरा।
पटेल ने रिकॉर्ड वोटों से हासिल की जीत
भूपेंद्र पटेल ने इस बार अपनी पारंपरिक घाटलोदिया सीट पर एकतरफा मुकाबले में कांग्रेस उम्मीदवार अमीबेन याग्निक को 1,92,263 वोटों से हराकर रिकॉर्ड जीत दर्ज की है। इससे पहले 2017 में भी उन्होंने कांग्रेस के शशिकांत पटेल को 1,17,000 से अधिक वोटों से हराकर रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी। उनसे पहले इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल चुनाव लड़ती थीं। पटेल को आनंदीबेन का करीबी भी माना जाता है।
भूपेंद्र पटेल की पाटीदार समुदाय पर है अच्छी-खासी पकड़
भूपेंद्र पटेल की पाटीदार समुदाय पर अच्छी-खासी पकड़ है और वह सरदारधाम नामक पाटीदार संगठन के ट्रस्टी भी रह चुके हैं। उनके पहली बार मुख्यमंत्री बनने के दौरान विश्व उमिया फाउंडेशन ने ही सबसे पहले उन्हें बधाई दी थी। यह कड़वा पाटीदारों का एक बड़ा संगठन है। भाजपा को उम्मीद थी कि पटेल पाटीदारों को उसके पक्ष में कर सकेंगे और उन्होंने पार्टी आलाकमान के इस भरोसे को कामय रखते हुए बड़ी जीत दिलाई है।