19 विपक्षी सांसद राज्यसभा से निलंबित, महंगाई आदि मुद्दों पर कर रहे थे प्रदर्शन
सदन की कार्यवाही के दौरान व्यवधान पैदा करने के लिए 19 विपक्षी सांसदों को राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है। ये सांसद महंगाई, आवश्यक खाद्य सामानों पर GST और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग जैसे मुद्दों पर सदन के अंदर प्रदर्शन कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्षी सांसदों को निलंबित करने का फैसला भारी मन से लिया गया है। सांसदों को मात्र इस हफ्ते के लिए निलंबित किया गया है।
वेल में दाखिल हुए विपक्षी सांसद, नारेबाजी की
सरकार के अनुसार, अपने प्रदर्शन के दौरान विपक्षी सांसद सदन के वेल में दाखिल हो गए और नारेबाजी करना शुरू कर दिया। चेतावनी के बावजूद जब उन्होंने नारेबाजी बंद नहीं की तो उन्हें निलंबित कर दिया गया। हालांकि निलंबित सांसदों ने सदन से बाहर निकलने से इनकार कर दिया और अंदर रहकर ही महंगाई और बढ़ती कीमतों जैसे मुद्दों पर प्रदर्शन करते रहे। इसके कारण राज्यसभा की कार्यवाही को एक घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा।
इन सांसदों को किया गया निलंबित
जिन सांसदों को निलंबित किया गया है, उनमें तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सुष्मिता देव, मौसम नूर, शांता छेत्री, डोला सेन, शांतनु सेन, अभिरंजन बिस्वार और मोहम्मद नदीमुल हक, DMK के एम हमीद अब्दुल्ला, आर गिरिरंजन, एनआर एलांगो, एम शनमुगम, एस कल्याणसुंदरम और कनिमोझी सोमु, तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के बीएल यादव, दामोदर राव दिवाकोंडा और रविहंद्रा वेद्दिराजू, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) के एए रहीम और वी शिवदासन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के पी संतोष कुमार शामिल हैं।
TMC सांसद बोले- लोकतंत्र को निलंबित कर दिया गया है
मामले में सरकार पर निशाना साधते हुए TMC के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, "लोकतंत्र को निलंबित कर दिया गया है। संसद को निलंबित कर दिया गया है... संसद में व्यवधान से किसे फायदा होता है? सांसदों के निलंबित होने से किसे फायदा होता है?" वहीं कांग्रेस के जयराम रमेश ने कहा कि इस कार्रवाई से साफ है कि मोदी सरकार किसी भी स्थिति में विपक्ष को जनता के असल मुद्दे नहीं उठाने देना चाहती।
कल लोकसभा से भी निलंबित किए गए थे चार सांसद
गौरतलब है कि इन्हीं मुद्दों पर प्रदर्शन करने के लिए कल लोकसभा से भी कांग्रेस के चार सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। उन्हें पूरे सत्र के लिए निलंबित किया गया है। 18 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही विपक्ष सरकार से बढ़ती महंगाई और खाद्य पदार्थों पर GST जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहा है। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद आकर इन मुद्दों पर बयान देने की मांग भी की है।
सरकार का क्या कहना है?
सरकार का कहना है कि वह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होकर संसद लौटने के बाद महंगाई और बढ़ती कीमतों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "हम चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके बावजूद विपक्ष सदन की कार्यवाही में व्यवधान डाल रहा है।" विपक्ष का कहना है कि अगर वित्त मंत्री मौजूद नहीं हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुद्दे पर उनके सवालों के जवाब दें।