'इंडिया' से 'भारत' होगा देश का नाम, कोलकाता से हटेंगी विदेशियों की मूर्तियां- दिलीप घोष
देश का नाम 'इंडिया' से बदलकर 'भारत' किए जाने की अटकलों के बीच पश्चिम बंगाल में भाजपा के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष के बयान पर विवाद हो गया है। मेदिनीपुर लोकसभा सीट से सांसद घोष ने कहा कि देश का नाम 'इंडिया' से बदलकर 'भारत' कर दिया जाएगा और कोलकाता में लगी विदेशियों की मूर्तियों को हटा दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि जो लोग देश का नाम बदलने जाने के खिलाफ हैं, वो देश छोड़कर जा सकते हैं।
TMC को 'भारत' के बारे में पता नहीं- दिलीप घोष
घोष ने कहा, "इंडिया का नाम बदलकर भारत कर दिया जाएगा। जो भी लोग इस बात को पसंद नहीं कर रहे हैं वे देश छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं।" उन्होंने आगे कहा, "तृणमूल कांग्रेस (TMC) के मेरे दोस्तों को शायद नहीं पता होगा कि वे 'भारत' या 'इंडिया' क्यों कह रहे हैं? इसके पीछे का इतिहास क्या है। यह CPI(M) के लोगों के लिए भी बहुत मुश्किल है, जो हमेशा विदेशों पर ध्यान देते रहे हैं।'
घोष ने और क्या कहा?
घोष ने खड़गपुर में 'चाय पर चर्चा' कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जब उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में सत्ता में आएगी तो कोलकाता में लगी विदेशियों की सभी मूर्तियों को हटा दिया जाएगा। पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष घोष ने कहा, "कोलकाता की सड़कों पर अंग्रेजों की कई मूर्तियां लगी हुई थीं। अब वे कहां हैं? जब भाजपा सत्ता में आएगी तो हम उन सभी को हटाकर विक्टोरिया मेमोरियल हाउस में रख देंगे।"
TMC बोली- वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटका रही है भाजपा
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ TMC के प्रवक्ता शांतनु सेन ने घोष पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है क्योंकि वह विपक्षी गठबंधन INDIA से डर गई है। गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि देश के इतिहास को बदलने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा था कि संविधान में भारत और इंडिया एक ही है।
देश का नाम बदलने को लेकर क्या अटकलें हैं?
देश का नाम बदलने को लेकर पूरा विवाद G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान होने वाले रात्रिभोज का आधिकारिक निमंत्रण पत्र सामने आने के बाद शुरू हुआ। G-20 देशों के प्रतिनिधियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को भेजे गए इस निमंत्रण पत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 'प्रेसिडेट ऑफ इंडिया' की जगह 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' के तौर पर संबोधित किया गया है। इसके बाद से देश का नाम बदलने को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं।