
AAP सांसद राघव चड्ढा के राज्यसभा सांसदों के 'फर्जी हस्ताक्षर करने' से संबंधित मामला क्या है?
क्या है खबर?
आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा दिल्ली सेवा विधेयक पर एक प्रस्ताव पेश करके विवादों में घिर गए हैं।
राज्यसभा के 5 सांसदों ने चड्ढा पर विधेयक को चयन समिति के पास भेजने के प्रस्ताव में उनकी सहमति के बिना उनका नाम शामिल करने का आरोप लगाया है।
कुछ सांसदों ने चड्ढा पर उनके जाली हस्ताक्षर करने का आरोप लगाते हुए विशेषाधिकार उल्लंघन करने को लेकर एक प्रस्ताव लाने की बात भी कही है।
विवाद
किन सांसदों ने लगाए हैं आरोप?
राज्यसभा में भाजपा के सांसद सुधांशु त्रिवेदी, नरहरि अमीन और एस फांगनोन कोन्याक के साथ-साथ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के सांसद एम थंबीदुरई और बीजू जनता दल (BJD) के सांसद सस्मित पात्रा ने चड्ढा पर सहमति के बिना नाम शामिल करने के आरोप लगाए हैं।
इनके अलावा YSR कांग्रेस पार्टी के सांसद विजय साईं रेड्डी ने कहा कि उनकी पार्टी के एक सांसद का नाम भी सहमति के बिना चयन समिति में शामिल कर लिया गया।
मामला
उम्मीद है कि सभापति कार्रवाई करेंगे- BJD सांसद
BJD सांसद सस्मित पात्रा ने कहा, "जिस समय सदन में प्रस्ताव पेश किए जा रहे थे तो मैंने सुना कि राघव चड्ढा द्वारा पेश किए गए एक प्रस्ताव में मेरे नाम का जिक्र किया गया है। मेरी पूर्व सहमति के बिना मेरा नाम प्रस्ताव में नहीं डाला जा सकता। मुझे उम्मीद है कि सदन के सभापति कार्रवाई करेंगे।"
उन्होंने कहा, "मैंने शिकायत की है। यह विशेषाधिकार हनन का मामला है। हम सभी सांसदों ने अपनी-अपनी शिकायतें दर्ज करवाई हैं।"
मामला
प्रस्ताव पर हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं- AAP
AAP सांसद सुशील गुप्ता ने कहा, "जब भी चयन समिति का गठन किया जाता है तो प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के सांसदों की राय ली जाती है। सांसदों का कहना है कि उन्होंने इस पर हस्ताक्षर नहीं किए और उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं। यह गलत दावा है क्योंकि इसमें हस्ताक्षर की आवश्यकता ही नहीं है।"
उन्होंने कहा कि गृह मंत्री को कानून के बारे में पता नहीं है कि प्रस्ताव पर हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं होती है।
कार्रवाई
चड्ढा पर क्या कार्रवाई हो सकती है?
इंडिया टुडे के मुताबिक, अगर चड्ढा पर सांसदों के जाली हस्ताक्षर करने का आरोप सही साबित होता है तो राज्यसभा के सभापति उनके खिलाफ FIR दर्ज करने की सिफारिश कर सकते हैं।
इसके साथ ही यह मामला सांसदों के विशेषाधिकार से जुड़ा होने के कारण चड्ढा की राज्यसभा सदस्यता को भी रद्द किया जा सकता है।
चड्ढा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि विशेषाधिकार समिति द्वारा नोटिस भेजे जाने पर वह उसका एक उचित जवाब देंगे।
विधेयक
राज्यसभा में देर रात पारित हुआ दिल्ली सेवा विधेयक
बता दें कि सोमवार देर रात को दिल्ली सेवा विधेयक राज्यसभा में पारित हो गया। इस विधेयक के समर्थन में 131 वोट पड़े, जबकि इसके विरोध में सिर्फ 102 वोट पड़े।
केंद्र सरकार ने सदन में विपक्षी गठबंधन INDIA के विरोध के बावजदू बहुमत के आधार पर आसानी से विधेयक को पारित करवा लिया।
गौरतलब है कि यह विधेयक 3 अगस्त को लोकसभा में विपक्ष के वॉकआउट के बीच पारित हुआ था।