पश्चिम बंगाल: पंचायत चुनाव से पहले हिंसा जारी, अब भाजपा उम्मीदवार के रिश्तेदार की हत्या
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव से पहले लगातार हिंसा जारी है। कूच बिहार जिले के दिनहाटा में एक भाजपा उम्मीदवार के रिश्तेदार की धारदार हथियार घोंपकर हत्या कर दी गई है। भाजपा ने राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कार्यकर्ताओं पर इस हत्या का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि पंचायत चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया 15 जून को खत्म हो गई है और सभी पंचायतों में 8 जुलाई को मतदान होगा।
क्या है पूरा मामला?
इंडिया टुडे के मुताबिक, मृतक की पहचान शंभु दास के रूप में हुई है। परिवार ने कहा कि रात में कुछ बदमाश दास को अपने साथ ले गए थे, जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने मृतक का शव नदी के किनारे से बरामद किया है। दास की भाभी विशाखा दास किस्मत दासग्राम सीट से भाजपा की उम्मीदवार हैं। इससे पहले शनिवार को मालदा जिले में भी TMC कार्यकर्ता मुस्तफा शेख की भी हत्या कर दी गई थी।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के काफिले पर भी हुआ था कथित हमला
कूचबिहार के दिनहाटा के साहेबगंज में शनिवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक के काफिले पर कथित तौर पर हमला किया गया था। प्रामाणिक ने आरोप लगाया था कि TMC के गुंडों ने उन पर तीर से हमला किया और कूचबिहार अध्यक्ष सुकुमार रॉय पर पत्थर और बम फेंके। प्रामाणिक को नामांकन पत्रों की जांच के दौरान TMC समर्थकों द्वारा भाजपा के उम्मीदवारों के फॉर्म फाड़े जाने की शिकायत मिली थी।
केंद्रीय बलों की तैनाती के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है बंगाल सरकार
पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) ने पंचायत चुनाव के दौरान केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती किए जाने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। दरअसल, कलकत्ता हाई कोर्ट ने भाजपा नेता और नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी की जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए पंचायत चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर SEC को केंद्रीय अर्धसैनिक बल तैनात करने के निर्देश दिए थे।
नामांकन के दौरान बंगाल के कई हिस्सों में हुई हिंसा
पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में नामांकन के दौरान हिंसा की घटनाएं सामने आईं, जिनका आरोप विपक्ष ने TMC के कार्यकर्ताओं पर लगाया था। मुर्शिदाबाद के खरग्राम में कांग्रेस नेता फूलचंद शेख की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद हिंसक झड़प हो गई। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी चुनावी हिंसा का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य में एक विशेष मानवाधिकार पर्यवेक्षक को प्रतिनियुक्त किया था।
पिछले पंचायत चुनावों में भी हुई थी हिंसा
वर्ष 2018 में हुए पंचायत चुनाव में TMC ने करीब 34 प्रतिशत सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की थी। हालांकि, इस दौरान बड़े स्तर पर हिंसा हुई थी। इस दौरान बम फेंकने और बूथ कैप्चर करने से लेकर बैलेट बॉक्स जलाने की घटनाएं हुई थीं। विपक्षी पार्टियों ने इसका आरोप TMC पर लगाया था। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, चुनावों के दौरान हिंसक घटनाओं में 13 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 50 से ज्यादा घायल हुए थे।