पश्चिम बंगाल: TMC पर पंचायत चुनाव के टिकट बेचने का आरोप, सता रहा दल-बदल का डर
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव की घोषणा हो गई है। यहां 8 जुलाई को एक चरण में मतदान होगा, जबकि नतीजे 11 जुलाई को घोषित किये जाएंगे।
राज्य भर में कुल 63,283 पंचायत सीटें हैं और पिछले 2 दिन में हर जिले में पंचायत चुनाव के लिए बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने नामाकंन कराया।
इसी बीच सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर उम्मीदवारों को टिकट बेचने का आरोप लगा है।
आरोप
क्या है मामला?
बांकुड़ा जिले में TMC के ब्लॉक अध्यक्ष जन्मेजय बाउरी पर 1 लाख रुपये में पंचायत चुनाव की टिकट बेचने का आरोप लगा है, जबकि मेजिया इलाके में इससे दोगुने दाम में टिकट बेचे जाने का आरोप लगा है।
रविवार रात को TMC के बांकुड़ा जिला उपाध्यक्ष मुखर्जी के नेतृत्व में स्थानीय नेताओं ने बाउरी के खिलाफ प्रदर्शन किया और उन्हें पद से हटाए जाने की मांग की। इस विरोध-प्रदर्शन में 5 क्षेत्रों के TMC बूथ अध्यक्ष भी शामिल हुए।
नामांकन
TMC को सता रही दल-बदल की चिंता
राज्य चुनाव आयोग (SEC) द्वारा पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद 2 दिनों में TMC के करीब 600 उम्मीदवारों ने पूरे बंगाल में अपना नामांकन दाखिल किया है, हालांकि पार्टी अभी उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह देने का इंतजार कर रही है।
TMC को दल-बदल की चिंता की सता रही है क्योंकि जिन लोगों ने नामांकन दाखिल किया है, टिकट देने से इनकार करने पर उनमें से ज्यादातर उम्मीदवार अकेले दम पर चुनाव लड़ सकते हैं।
दल बदल
कई जिलों में दल-बदल
पंचायत चुनाव से पहले बीते कुछ हफ्तों में कूचबिहार, पूर्वी बर्धमान, दक्षिण 24 परगना और मुर्शिदाबाद सहित कई जिलों में बड़ी संख्या में दल-बदल देखा गया है। दक्षिण 24 परगना के कुलपी विधानसभा क्षेत्र में लगभग 100 TMC कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने पार्टी छोड़ दी।
इसके अलावा मुर्शिदाबाद के नवग्राम के मोहोरुल इलाके में TMC समर्थक करीब 20 परिवार भाजपा में शामिल हो गए।
आज बीरभूम के झिकड्डा ग्राम पंचायत के करीब 100-150 लोग कांग्रेस में शामिल हो गए।
TMC
अभिषेक बनर्जी दे चुके हैं उम्मीदवारों को चेतावनी
दिलचस्प बात ये है कि TMC नेता अभिषेक बनर्जी ने चेतावनी दी है कि पंचायत चुनाव जीतने पर भी पार्टी से अलग होकर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को पार्टी में वापस नहीं लिया जाएगा।
उम्मीदवारों के चयन के लिए पिछले महीने TMC ने एक गुप्त मतदान भी करवाया था। पार्टी के इस अभियान के दौरान मतदान न कर पाने की आंशका के चलते कई जिलों में TMC कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई की घटनाएं हुईं थीं।
हिंसा
चुनाव से पहले TMC पर लगे हिंसा के आरोप
TMC कार्यकर्ताओं पर नामांकन के दौरान कई जिलों में हिंसा के आरोप लगे हैं।
भाजपा के हुगली जिला महासचिव सुरेश शॉ का दावा है कि एक भाजपा कार्यकता प्रशांत को TMC के गुंडों द्वारा पीटा गया, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
इसी बीच शुक्रवार देर रात मुर्शिदाबाद के खरग्राम में कांग्रेस नेता फूलचंद शेख की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिसका आरोप भी TMC कार्यकर्ताओं पर लगा है।
जानकारी
NHRC नामांकन के दौरान हुई हिंसा का लिया संज्ञान
इसी बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने रविवार को पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के लिए नामांकन के दौरान हुई चुनावी हिंसा का स्वत: संज्ञान लिया। आयोग ने राज्य में एक विशेष मानवाधिकार पर्यवेक्षक को प्रतिनियुक्त करते हुए इन घटनाओं की एक रिपोर्ट मांगी है।
याचिका
चुनाव को लेकर हाई कोर्ट में याचिका
2018 पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
इसके खिलाफ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
इस याचिका में चुनाव के दौरान अप्रिय हिंसा को रोकने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती और नामांकन लिए समय बढ़ाने की अपील गई है। कोर्ट ने SEC से नामांकन समयसीमा पर पुनर्विचार करने को कहा है।
हिंसा
पिछले पंचायत चुनावों में हुई थी हिंसा
साल 2018 में हुए पंचायत चुनावों में TMC ने 34 प्रतिशत सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की थी। हालांकि, इस दौरान बड़े स्तर पर हिंसा हुई थी।
चुनाव के दौरान बम फेंकने, बूथ कैप्चर करने से लेकर बैलेट बॉक्स जलाने की घटनाएं हुई थीं और विपक्षी पार्टियों ने इसका आरोप TMC पर लगाया था।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, चुनावों के दौरान हिंसक घटनाओं में 13 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 50 से ज्यादा घायल हुए थे।