
NDA में किस पार्टी को मिल सकता है कौन-सा मंत्री पद?
क्या है खबर?
देश में तीसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार बनने जा रही है। लोकसभा चुनाव परिणामों में भाजपा बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पाई, इसलिए सरकार बनाने के लिए वो अपने सहयोगियों पर निर्भर है।
इस बीच नई सरकार में मंत्री पदों को लेकर सहयोगियों की तरफ से भाजपा पर दबाव बनाया जा रहा है। कई पार्टियों ने मंत्री पदों को लेकर अपनी मांगे रखी हैं।
आइए जानते हैं कि किस पार्टी को कौन-सा मंत्रालय मिल सकता है।
सीटें
NDA में किस पार्टी के पास कितनी सीटें?
NDA में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। उसे 240 सीटें मिली हैं। तेलुगु देशम पार्टी (TDP) को 16 और जनता दल यूनाइटेड (JDU) को 12 सीटों पर जीत हासिल हुई है।
एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की है। लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के 5 उम्मीदवार जीते हैं। जनता दल (सेक्युलर), जन सेना पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) ने 2-2 सीटें जीती हैं।
6 पार्टियों ने एक-एक सीट जीती है।
फॉर्मूला
क्या हो सकता है मंत्रिमंडल का फॉर्मूला?
सरकार का मंत्रिमंडल फॉर्मूला तय करने के लिए भाजपा ने सहयोगी पार्टियों से बातचीत शुरू कर दी है। खबर है कि 5 सांसदों पर एक कैबिनेट मंत्री बनाए जाने का फॉर्मूला तय किया जा रहा है। ये फॉर्मूला सभी पार्टियों पर लागू किया जाएगा।
इस लिहाज से भाजपा के मंत्रियों की संख्या कम होगी और सहयोगियों की संख्या बढ़ जाएगी। खबर है कि इस बार राज्य मंत्रियों की संख्या कम की जा सकती है।
JDU
JDU की क्या है मांग?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, JDU ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की है। JDU हर 4 सांसदों पर एक मंत्रालय मांग रही है। उसके 12 सांसद है यानी उसे 3 मंत्रालय चाहिए।
चर्चा है कि नीतीश कुमार ने रेल मंत्रालय, कृषि मंत्रालय और वित्त मंत्रालय की मांग की है। हालांकि, भाजपा इस पर सहमत नहीं है। खबर है कि पंचायती राज्य और ग्रामीण विकास जैसे मंत्रालय JDU को दिए जा सकते हैं।
TDP
TDP क्या मांग कर रही है?
रिपोर्ट के मुताबिक, TDP लोकसभा स्पीकर पद और 5 से 6 मंत्रालयों की मांग कर रही है। TDP परिवहन, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, कृषि, जल शक्ति, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी और शिक्षा मंत्रालय चाह रही है।
इसके अलावा आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य की दर्जा भी TDP की सूची में है। दावा किया जा रहा है कि भाजपा और TDP के बीच एक कैबिनेट और 2 केंद्रीय राज्य मंत्री पद पर सहमति बन गई है।
पार्टियां
बाकी पार्टियां क्या चाहती हैं?
खबरों के मुताबिक, LJP ने एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री का पद मांगा है। LJP को उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय या फिर रासायनिक उर्वरक मंत्रालय दिया जा सकता है।
शिवसेना (शिंदे) ने एक कैबिनेट और 2 राज्य मंत्री पद मांगे हैं। JDS प्रमुख एचडी कुमारस्वामी ने नई सरकार में कृषि मंत्रालय मांगा है।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के जीतन राम मांझी ने भी एक मंत्री पद की मांग की है।
भाजपा
भाजपा कौनसे मंत्रालय रखना चाहती है?
माना जा रहा है कि गृह, वित्त, विदेश, सड़क परिवहन, रक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे मंत्रालय भाजपा अपने पास ही रखेगी।
शिक्षा, स्वास्थ्य, सूचना एवं प्रसारण, शहरी विकास आवास, जल संसाधन, महिला एवं बाल विकास, अल्पसंख्यक मामले, उपभोक्ता खाद्य वितरण, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, नागरिक उड्डयन, ग्रामीण विकास-पंचायती राज जैसे मंत्रालय सहयोगियों को दिए जा सकते हैं।
गरीब, महिला, युवा और किसान जैसे मुद्दे भाजपा के एजेंडे में हैं, इसलिए पार्टी ये मंत्रालय भी अपने पास रख सकती है।
रुख
सहयोगियों की मांग पर क्या है भाजपा का रुख?
भाजपा स्पीकर पद देने के मूड में नहीं है। अगर TDP ज्यादा दबाव बनाती है तो उसे डिप्टी स्पीकर पद दिया जा सकता है।
मोदी अपनी रैलियों में 4 जातियों- गरीब, महिला, युवा और किसान का अक्सर जिक्र करते रहे हैं। ऐसे में इनसे जुड़े मंत्रालय भी भाजपा अपने पास रखना चाहेगी।
रेलवे और सड़क परिवहन में सरकार ने तेजी से काम किए हैं। ऐसे में ये मंत्रालय भी सहयोगियों को देने पर एक राय नहीं है।