#NewsBytesExplainer: अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चलेगा मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा, दिल्ली चुनावों पर क्या होगा असर?
क्या है खबर?
दिल्ली में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के सामने नई मुसीबत आ गई है।
गृह मंत्रालय ने कथित शराब घोटाले मामले में केजरीवाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।
दिल्ली में चुनावों से 20 दिन पहले इस फैसले को केजरीवाल के लिए झटका माना जा रहा है।
आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है।
आरोप
सबसे पहले जानिए केजरीवाल पर क्या-क्या आरोप हैं?
ED का आरोप है कि केजरीवाल ने 'साउथ ग्रुप' के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और निजी संस्थाओं को लाभ पहुंचाया।
ED ने कहा कि 'साउथ ग्रुप' के लिए अलग-अलग शराब दुकानों में हिस्सेदारी सुनिश्चित की गई और उसे नीति के उद्देश्यों के विरुद्ध कई खुदरा क्षेत्र रखने की अनुमति दी गई।
ED ने ये भी आरोप लगाया कि अपराध की आय के 45 करोड़ रुपये AAP के लिए गोवा चुनावों में इस्तेमाल किए गए।
आरोपी
केजरीवाल 2 भूमिकाओं में बनाए गए आरोपी
ED ने मामले में केजरीवाल को व्यक्तिगत तरीके के साथ बतौर AAP का राष्ट्रीय संयोजक भी आरोपी बनाया है।
ED ने केजरीवाल को शराब घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए आरोप लगाए हैं कि केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के मंत्री, AAP नेताओं और अन्य लोगों के साथ मिलीभगत कर घोटाला किया।
ED ने कहा कि केजरीवाल अपराध के समय AAP के प्रभारी थे, इसलिए उन्हें और उनकी पार्टी को भी दोषी माना गया है।
असर
चुनावों पर क्या होगा असर?
माना जा रहा है कि 30 जनवरी को विशेष अदालत में इस मामले पर सुनवाई हो सकती है। जरूरी दस्तावेज पेश करने के बाद ED आरोप तय करेगी।
एक बार आरोप तय हो जाने के बाद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा शुरू हो जाएगा। अगर ऐसा होता है तो विपक्ष को केजरीवाल पर हमला करने का नया हथियार मिल जाएगा।
अपने बंगले को लेकर केजरीवाल पहले से ही विपक्ष के निशाने पर है।
मुख्यमंत्री पद
मुश्किल हो सकता है तीसरी बार मुख्यमंत्री पद संभालना
मुकदमा शुरू होने के बाद कानूनी तौर पर भी केजरीवाल के लिए कई मुश्किलें होंगी।
अगर उनकी पार्टी को जीत मिलती है तो तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के उनके सपनों को झटका लग सकता है।
इसी मामले में केजरीवाल फिलहाल जमानत पर हैं। कोर्ट ने कई शर्तों के साथ उन्हें जमानत दी थी। माना गया था कि इन्हीं शर्तों की वजह से केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
विपक्ष
और हमलावर होगा विपक्ष
शराब घोटाले में AAP का लगभग पूरा शीर्ष नेतृत्व जेल में रहा है। अगर नया मुकदमा शुरू होता है तो इससे पार्टी की भ्रष्टाचार को लेकर छवि को भी धक्का पहुंचेगा और विपक्ष को हमलावर होने का मौका मिलेगा।
केजरीवाल वैसे ही सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहे हैं। भाजपा ने बड़े नेताओं के खिलाफ मजबूत प्रत्याशी उतारकर मुकाबले को और रोचक कर दिया है। ऐसे में केजरीवाल की चुनावी चुनौती और बढ़ सकती है।
AAP
मामले पर AAP का क्या कहना है?
AAP ने कहा, "देश के इतिहास में यह पहला ऐसा मामला होगा, जिसमें आपने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को जेल में डाला। दोनों को ट्रायल कोर्ट और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट से भी जमानत मिल गई। 2 साल बाद आपने मुकदमा चलाने की मंजूरी दी। यह तब है, जब चुनाव नजदीक हैं। उनका वही पुराना तरीका है, झूठे मामले दर्ज करना, AAP के नेताओं को बदनाम करना, लेकिन अब जनता सब समझ चुकी है।"
मामला
क्या है शराब नीति से जुड़ा मामला?
दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी। इसमें शराब के ठेके निजी शराब कंपनियों को दिए गए थे।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस नीति में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए इसकी CBI से जांच कराने की सिफारिश की। बाद में ED भी जांच में शामिल हो गई।
आरोप है कि दिल्ली सरकार ने शराब कंपनियों से रिश्वत लेकर उन्हें इस नई नीति के जरिए लाभ पहुंचाया और शराब के ठेके दिए।