
कौन है शीला दीक्षित के बेटे संदीप, जो अरविंद केजरीवाल के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव?
क्या है खबर?
दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने गुरुवार देर रात अपने 21 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इसमें नई दिल्ली सीट से संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा गया है।
नई दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) संयोजक अरविंद केजरीवाल विधायक हैं और यह उनकी पारंपरिक सीट भी है। ऐसे में वह इस चुनाव में भी इसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
आइए जानते हैं संदीप दीक्षित कौन है।
परिचय
कौन है कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित?
संदीप दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिवंगत शीला दीक्षित के बेटे हैं। 15 अगस्त, 1964 में जन्मे संदीप एक शिक्षक भी रह चुके है।
उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में मास्टर डिग्री प्राप्त की है। साल 1989 में ग्रामीण प्रबंधन संस्थान, आनंद (IRMA) से ग्रामीण प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया है।
वह 2019 में बिपिन रावत के व्यवहार की तुलना 'सड़क पर गुंडे' से कर चर्चा में आए थे। हालांकि, बाद में उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी।
राजनीति
कैसा रहा है संदीप का राजनीतिक सफर?
सक्रिय राजनीति में आने से पहले संदीप ने सामाजिक विकास समूह संकेत सूचना और अनुसंधान एजेंसी का नेतृत्व किया था, जिसने 1996 में दुनिया में पहली उप-राष्ट्रीय मानव विकास रिपोर्ट का बीड़ा उठाया था।
वह सबसे पहले साल 2004 में पूर्वी दिल्ली से भाजपा के लाल बिहारी तिवारी को हराकर लोकसभा पहुंचे थे और 2009 में भी इसी सीट से जीत दर्ज की थी।
हालांकि, 2014 और 2019 में उन्हें चुनाव में करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
बदला
क्या मां की हार का बदला ले पाएंगे संदीप?
कांग्रेस ने संदीप को केजरीवाल के सामने उतार पर साफ कर दिया है कि वो पूरी ताकत से मैदान में है। लोकसभा में दोनों पार्टियों का गठबंधन था, लेकिन दिल्ली चुनाव में AAP के खिलाफ कांग्रेस फ्रंटफुट पर है।
अब सवाल है कि संदीप अपनी दिवंगत मां की हार का बदला ले पाएंगे या नहीं? केजरीवाल ने 2013 में शीला दीक्षित को हराकर राजनीति में प्रवेश किया था।
उस दौरान उन्होंने शीला दीक्षित को भ्रष्टाचारी बताते हुए प्रचार किया था।
अभियान
संदीप के चुनावी अभियान पर रहेगी सबकी नजर
पूर्व सांसद और AAP के मुखर आलोचक संदीप के एक जोरदार अभियान की अगुआई करने की संभावना है।
टिकट मिलने के बाद उन्होंने कहा, "पार्टी का आभार की उन्होंने मुझे मौका दिया। भारत के इतिहास में सबसे घटिया काम दिल्ली के मुख्यमंत्री ने किया है। दिल्ली की सरकार सबसे भ्रष्ट सरकार है। इनके 10 साल के काम और शीला दीक्षित के पांच साल के काम भी गिनवा लें तो भी इनके काम उनके के काम के आधे भी नहीं होंगे।"
जानकारी
"कांग्रेस के बिना नहीं बनेगी सरकार"
संदीप ने कहा, "हमारे सवालों के जवाब देने की अरविंद केजरीवाल की हिम्मत नहीं है। वह हम से कोई मुकाबला ही नहीं कर सकते हैं। ऐसे में मैं दावा कर सकता हूं कि दिल्ली में अगली सरकार कांग्रेस के बिना नहीं बन पाएगी।"
लक्ष्य
वापसी के इरादे से उतरेगी कांग्रेस
पिछले 2 विधानसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत पाने के बाद कांग्रेस इस चुनाव में वापसी के इरादे से उतरने वाली है।
कांग्रेस की सूची में अन्य उल्लेखनीय नाम बल्लीमारान से हारून यूसुफ और कस्तूरबा नगर से अभिषेक दत्त का है।
इसमें दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार जैसे अनुभवी नेताओं के साथ-साथ नए चेहरे भी शामिल हैं। हालांकि, इस सूची की भाई-भतीजावाद को लेकर आलोचना भी की जा रही है।
कारण
चुनाव की घोषणा से पहले क्यों दिए जा रहे हैं टिकट?
दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल अगले साल फरवरी में समाप्त होगा। 6 जनवरी, 2025 को फाइनल मतदाता सूची आ जाएगी।
उसके बाद चुनाव आयोग चुनाव की घोषणा करेगा, लेकिन सवाल है कि चुनाव की घोषणा से पहले AAP और कांग्रेस ने टिकट की घोषणा क्यों की है।
इसके पीछे कारण है कि पार्टियां उम्मीदवारों को घर-घर जाकर प्रचार करने का प्रर्याप्त समय देने के साथ टिकट कटने से बढ़ने वाली विरोध की भावना को समय रहते संभालना चाहती है।