दिल्ली में चुनावों से पहले 'राजमहल' और 'शीशमहल' को लेकर विवाद, आज क्या-क्या हुआ?
क्या है खबर?
दिल्ली में विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा और आम आदमी पार्टी (AAP) में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास को लेकर टकराव बढ़ गया है।
आज केजरीवाल के आवास में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर AAP नेता संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज ने प्रधानमंत्री और केजरीवाल के आवास का दौरा करने की कोशिश की।
इस बीच भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री आतिशी के घर के बाहर प्रदर्शन किया।
जानते हैं आवास को लेकर आज क्या-क्या हुआ।
AAP
AAP ने भाजपा को दी 'शीशमहल' देखने की चुनौती
दरअसल, भाजपा केजरीवाल के 'शीशमहल' में भ्रष्टाचार को लेकर AAP पर हमलावर है। भाजपा ने आवास पर आलीशान सुविधाएं होने और करोड़ों की राशि खर्च करने का आरोप लगाया है।
इसके बाद AAP ने भाजपा को आवास देखने आने की चुनौती दी थी। AAP नेता भारद्वाज और संजय आवास पहुंचे और मीडिया को अंदर ले जाने पर अड़े रहे।
हालांकि, पुलिस ने दोनों को बाहर ही रोक दिया। इसके बाद दोनों बाहर ही धरने पर बैठ गए।
बयान
भारद्वाज बोले- पुलिस को उपराज्यपाल का आदेश
भारद्वाज ने कहा, "पुलिस और PWD अधिकारी कह रहे हैं कि ऊपर से आदेश है कि किसी को भी आवास में न जाने दिया जाए। मैंने उनसे कहा कि मैं मंत्री हूं। इसका मतलब है कि उपराज्यपाल का आदेश है। भाजपा हर दिन नए वीडियो और तस्वीरें भेजती थीं। आज हम मीडियाकर्मियों के साथ यहां आए हैं। अब भाजपा भाग रही है। तीन-स्तरीय बैरिकेडिंग लगाई गई है। हमें दिखाएं कि स्विमिंग पूल और बार कहां हैं।"
प्रधानमंत्री आवास
प्रधानमंत्री आवास पर प्रदर्शन करने पहुंचे AAP नेता
इसके बाद दोनों नेता प्रधानमंत्री आवास की ओर रवाना हो गए, लेकिन पुलिस ने दोनों को बीच में ही रोक दिया।
प्रधानमंत्री आवास के बाहर धारा 163 के तहत प्रतिबंध लागू कर दिए गए और AAP को किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन से बचने को कहा गया है।
दरअसल, AAP नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री 2,700 करोड़ रुपये के राजमहल में रहते हैं। AAP ने कहा था कि वे पहले जनता को 'शीशमहल' दिखाएगी फिर राजभवन देखने ले चलेगी।
भाजपा
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आतिशी के आवास पर पहुंचे
एक दिन पहले आतिशी ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार ने उनके सरकारी आवास से सामान निकालकर फेंक दिया और बंगले का आवंटन रद्द कर दिया।
इसके बाद दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा आतिशी के मथुरा रोड स्थित आवास पहुंचे और पूछा कि मुख्यमंत्री को जब यह बंगला आवंटित है तो वे शीशमहल में क्यों रहना चाहती हैं।
उन्होंने पूछा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय शीला दीक्षित ने यहां से सरकार चलाई थी तो आतिशी क्यों नही चला सकतीं?