मिलिंद देवड़ा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अमरिंदर सिंह; 4 साल में 12 नेता छोड़ गए कांग्रेस
महाराष्ट्र के दिग्गज नेता और गांधी परिवार के करीबी रहे मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना का दामन थाम लिया है। देवड़ा ने कहा कि कांग्रेस से उनके परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया है। लोकसभा चुनाव से पहले ये कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। पिछले कुछ सालों में इसी तरह कई दिग्गजों ने कांग्रेस का हाथ छोड़ा है। आइए ऐसे नेताओं के बारे में जानते हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया
कभी राहुल गांधी के करीबी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मार्च, 2020 में कांग्रेस का साथ छोड़ा था। सिंधिया अपने साथ मध्य प्रदेश के 22 विधायकों को भी ले गए, जिसकी वजह से राज्य में कमलनाथ के नेतृत्व में चल रही तत्कालीन कांग्रेस सरकार गिर गई थी। बाद में सिंधिया भाजपा में शामिल हुए और अब केंद्र में नागरिक उड्डयन मंत्री हैं। एक समय पर सिंधिया और सचिन पायलट की जोड़ी को राहुल गांधी का बेहद खास माना जाता था।
कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद
कांग्रेस के दिग्गज नेता और पार्टी में असंतुष्ट समूह G-23 का हिस्सा रहे गुलाम नबी आजाद ने 2022 में कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। इस दौरान उन्होंने पार्टी और राहुल पर कई आरोप लगाए। 16 मई, 2022 को पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, इन दोनों नेताओं ने किसी और पार्टी की सदस्यता नहीं ली। गुलाम ने खुद की पार्टी बनाई, जबकि सिब्बल किसी भी पार्टी में शामिल नहीं हुए।
हार्दिक पटेल और सुनील जाखड़
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष रहे सुनील जाखड़ ने 2022 में कांग्रेस छोड़ी दी थी। तब उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की आलोचना करने के लिए पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। फिलहाल जाखड़ भाजपा में हैं। गुजरात के बड़े पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने भी मई, 2022 में कांग्रेस छोड़ दी। वे 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। फिलहाल वे भाजपा के टिकट पर विधायक हैं।
अश्विनी कुमार और आरपीएन सिंह
पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने पंजाब चुनावों के दौरान जारी उथल-पुथल के बीच कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस जमीनी हकीकत से दूर हो चुकी है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले आरपीएन सिंह ने भी कांग्रेस छोड़ दी थी। पार्टी ने उन्हें स्टार प्रचारक बनाया था, लेकिन वे भाजपा के साथ चले गए। उन्होंने कहा था कि जिस वक्त वे कांग्रेस से जुड़े थे, वैसी कांग्रेस अब बची नहीं है।
अल्पेश ठाकोर और कैप्टन अमरिंदर सिंह
गुजरात में कांग्रेस के विधायक रहे अल्पेश ठाकोर ने जुलाई, 2019 में भाजपा का दामन थाम लिया था। इससे पहले उन्होंने राज्यसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ मतदान किया था। पंजाब विधानसभा चुनावों से ठीक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा देते हुए नई पार्टी बना ली थी। हालांकि, विधानसभा चुनावों में उन्हें हार मिली। बाद में वे खुद भी भाजपा में शामिल हुए और अपनी पार्टी का भी विलय कर दिया।
जितिन प्रसाद और अनिल एंटनी
जून, 2021 में उत्तर प्रदेश के बड़े ब्राह्मण चेहरे और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कांग्रेस छोड़ दी थी। उन्होंने कहा था कि उन्होंने कांग्रेस को घटते वोट बैंक और लोगों से दूरी के कारण छोड़ा है। फिलहाल जितिन उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। जनवरी, 2023 में कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की थी।