गुजरात हाई कोर्ट से हार्दिक पटेल को बड़ा झटका, नहीं लड़ पाएंगे लोकसभा चुनाव
हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए गुजरात के युवा पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। गुजरात हाई कोर्ट ने हार्दिक पटेल के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है। हार्दिक पर दंगा भड़काने का आरोप था। हाई कोर्ट ने निचली अदालत से मिली सजा पर रोक लगाने की हार्दिक की अर्जी पर गुरुवार को सुनवाई पूरी कर ली थी। आज इस मामले में फैसला सुनाया गया है। आइये, जानते हैं पूरा मामला।
इस मामले में सुनाया गया फैसला
गुजरात में आरक्षण के लिए हुए पाटीदार आंदोलन के नेतृत्व करने वाले हार्दिक को 2018 में निचली अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी। हार्दिक को विसनगर के भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय पर तोड़फोड़ और दंगा करने के मामले में सजा सुनाई गई थी। कांग्रेस में शामिल होने से पहले उन्होंने हाई कोर्ट से सजा के खिलाफ स्थगन आदेश देने की अर्जी दी थी। हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद हार्दिक लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
चुनाव नहीं लड़ पाएंगे हार्दिक
जामनगर से चुनाव लड़ना चाहते थे हार्दिक
हार्दिक 12 मार्च को कांग्रेस में शामिल हुए थे। इससे पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश में एक रैली को संबोधित करते हुए चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की थी। कांग्रेस में शामिल होने के बाद हार्दिक ने जामनगर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि वह जामनगर से चुनाव लड़ने की इच्छा रखते है, लेकिन सीट का फैसला पार्टी करेगी। पार्टी उन्हें जो भी भूमिका सौंपेगी, वे उसे निभाने को तैयार हैं।
भाजपा कार्यकर्ता के बेटे हैं हार्दिक
पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) के 25 वर्षीय नेता हार्दिक पटेल के पिता भरतभाई पटेल भाजपा से जुड़े रहे हैं। हार्दिक पटेल के नेतृत्व में गुजरात में पटेल समुदाय को आरक्षण और ओबीसी दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर बड़े स्तर पर आंदोलन हुआ था। इस आंदोलन के बाद हार्दिक को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। कहा जाता है कि गुजरात विधानसभा में इस आंदोलन की वजह से भाजपा को खासा नुकसान उठाना पड़ा था।