TMC सांसद महुआ मोइत्रा के रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने से संबंधित विवाद क्या है?
भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा पर व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहार लेकर संसद में सवाल पूछने का गंभीर आरोप लगाया है। दुबे ने इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष से जांच की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री को भी पत्र लिखकर लोकसभा वेबसाइट से जुड़ी जानकारी लीक होने के आरोपों की जांच करने की मांग की है। आइए जानते हैं कि ये पूरा विवाद क्या है।
दुबे ने महुआ पर क्या आरोप लगाए?
निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि संसद में सवाल पूछने के बदले में मोइत्रा ने हीरानंदानी से घूस के रूप में नकदी और उपहार लिए थे, जो विशेषाधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने मोइत्रा पर सदन की कार्यवाही को बाधित करने और गाली-गलौज करने के भी आरोप लगाए हैं। दुबे ने मोइत्रा के खिलाफ एक जांच समिति गठित करने और उन्हें सदन से तत्काल निलंबित करने की मांग की है।
दुबे ने किस आधार पर लगाए आरोप?
दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्रई द्वारा केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) से की गई एक शिकायत के आधार पर ये आरोप लगाए हैं। महुआ के पूर्व बॉयफ्रेंड देहाद्रई के अनुसार, महुआ ने अपने ऑनलाइन लोकसभा अकाइंट का पूरा एक्सेस दर्शन हीरानंदानी को दे दिया था, जिन्होंने इसके जरिए अपने पसंद के सवाल लोकसभा में पूछे। उनका आरोप है कि महुआ ने अपने कार्यकाल के दौरान जो 61 सवाल पूछे, उनमें से 50 हीरानंदानी के थे।
CBI को की गई शिकायत में और क्या आरोप हैं?
CBI को अपनी शिकायत में देहाद्रई ने कहा है कि उनके पास इस बात के पुख्त सबूत हैं कि महुआ ने हीरानंदानी से नकदी और उपहार के तौर पर रिश्वत ली और वे उन फोन कॉल के गवाह हैं, जिनमें महुआ और हीरानंदानी ने ये पूरी साजिश रची। उन्होंने आरोप लगाया कि महुआ के ऑनलाइन लोकसभा अकाउंट के जो सवाल पूछे गए, उनमें से ज्यादातर अडाणी समूह पर थे और इनका मकसद गौतम अडाणी और सरकार को बदनाम करना था।
प्रतिद्वंदी हैं अडाणी और हीरानंदानी समूह
हीरानंदानी समूह और अडाणी समूह के बीच ऊर्जा, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्र में प्रतिद्वंद्विता देखने को मिलती रही है। पिछले साल नवंबर में अडाणी समूह ने एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती मुंबई की धारावी की पुनर्विकास परियोजना को हीरानंदानी समूह से अधिक बोली लगाकर हासिल कर लिया था। हीरानंदानी समूह ने 2014 में धामरा बंदरगाह के लिए भी बोली लगाई थी, लेकिन ये भी अडाणी समूह को मिला था।
अडाणी समूह ने मामले में क्या कहा?
अडाणी समूह ने मामले में बयान जारी कर कहा कि देहाद्रई के आरोप 9 अक्टूबर के समूह के उस बयान की पुष्टि करते हैं कि कुछ समूह और व्यक्ति अडाणी समूह की प्रतिष्ठा खराब करने की साजिश कर रहे हैं। बयान में कहा गया कि देहाद्रई की शिकायत दिखाती है कि ये साजिश 2018 से चल रही है और इसका एक अंग सुप्रीम कोर्ट में अडाणी समूह पर सुनवाई से पहले समूह के खिलाफ आधारहीन मीडिया रिपोर्ट्स जारी करना है।
महुआ मोइत्रा ने आरोपों पर क्या कहा?
महुआ ने आरोपों को खारिज करते हुए अडाणी समूह को अपने वकीलों को सही जगह पर इस्तेमाल करने की सलाह दी है। इसके अलावा उन्होंने दुबे की तरफ इशारा करते हुए लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि वे पहले फर्जी डिग्रीवालों से निपटें। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और CBI से अडाणी के खिलाफ एक्शन लेने की भी बात कही। इसके अलावा उन्होंने दुबे और देहाद्रई को कानूनी नोटिस भी भेजा है।
कौन हैं दर्शन हीरानंदानी?
दर्शन हीरानंदानी देश के प्रसिद्ध रियल एस्टेट कारोबारियों में से एक हैं और हीरानंदानी समूह के CEO भी हैं। इस समूह की स्थापना उनके पिता निरंजन हीरानंदानी और चाचा सुरेंद्र हीरानंदानी ने की थी और ये भारत में विभिन्न रियल एस्टेट और निर्माण परियोजनाओं में शामिल है। दर्शन हीरानंदानी ने न्यूयॉर्क के रोचेस्टर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से MBA और BS किया है। उन्हें समूह के रियल एस्टेट व्यवसाय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का श्रेय दिया जाता है।