#NewsBytesExplainer: समाचार वेबसाइट न्यूजक्लिक पर क्यों पड़ा छापा और चीनी फंडिंग का पूरा मामला क्या है?
3 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस ने समाचार वेबसाइट न्यूजक्लिक से जुड़े कई पत्रकारों के घरों पर छापा मारा। इनमें संस्थान के संस्थापक और प्रमुख संपादक प्रबीर पुरकायस्थ, अभिसार शर्मा, उर्मिलेश, परंजॉय गुहा ठाकुरता और भाषा सिंह जैसे वरिष्ठ पत्रकार शामिल हैं। पुलिस ने पुरकायस्थ और संस्थान के मानव संसाधन (HR) प्रमुख अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया है और कोर्ट ने उन्हें 7 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा है। आइए समझते हैं कि ये पूरा मामला क्या है।
सबसे पहले न्यूजक्लिक के बारे में जानिए
न्यूजक्लिक एक ऑनलाइन न्यूज पोर्टल है, जिसमें सभी तरह की खबरें प्रकाशित होती हैं। इसकी स्थापना 2009 में पुरकायस्थ ने की थी। फिलहाल पुरकायस्थ इसके एडिटर-इन-चीफ भी हैं। संस्थान ने वेबसाइट पर खुद के बारे में लिखा है, "पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग के साथ न्यूजक्लिक हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नजरंदाज करती रही है।"
कैसे हुई न्यूजक्लिक के खिलाफ जांच की शुरुआत?
मामले की शुरुआत हुई थी साल 2020 में। तब दिल्ली पुलिस ने न्यूजक्लिक के खिलाफ FIR दर्ज की थी। पुलिस का कहना था कि वेबसाइट को वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स (WWM) LLC नाम की अमेरिकी कंपनी से 9.59 करोड़ रुपये का निवेश मिला। इस कंपनी ने न्यूजक्लिक के शेयरों को कई गुना ज्यादा कीमत पर खरीदा। आरोप है कि ऐसा इसलिए किया गया, ताकि मीडिया संस्थानों में 26 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की ऊपरी सीमा से बचा जा सके।
मामले में कैसे हुई ED की एंट्री?
दिल्ली पुलिस की जांच के बाद 2021 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत न्यूजक्लिक के खिलाफ FIR दर्ज की। फरवरी, 2021 में ED ने पहली बार न्यूजक्लिक के दफ्तर की तलाशी ली। तब ED ने कहा था कि 2018 से 2021 के बीच न्यूजक्लिक को कुल 38.08 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी फंडिंग मिली थी। कंपनी के दफ्तर से ED ने विदेशी मुद्रा, दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए थे।
ED ने विदेशी फंडिंग के बारे में क्या आरोप लगाया था?
ED ने बताया था कि अमेरिकी अरबपति नेविल रॉय सिंघम की ओर से न्यूजक्लिक को फंडिंग दी गई। इनमें से 9 करोड़ रुपये FDI के तहत और बाकी 29 करोड़ रुपये अलग-अलग चैनलों के माध्यम से निवेश किए गए। मामले में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) का भी नाम सामने आया। एजेंसी ने कहा कि CPC से जुड़े एक व्यक्ति ने WWM के माध्यम से न्यूजक्लिक में निवेश किया और CPC के साथ संस्थान की ईमेल पर बातचीत भी हुई।
2021 के बाद अब क्यों सुर्खियों में आया मामला?
5 अगस्त, 2023 को अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक खबर प्रकाशित की। इसमें कहा गया कि सिंघम ने चीनी प्रोपेगैंडा को बढ़ावा देने के लिए दुनिया की कई संस्थाओं को पैसा दिया है और इसमें भारत की न्यूजक्लिक भी शामिल है। अखबार ने कहा, "कॉर्पोरेट फाइलिंग से पता चलता है कि सिंघम के समूह ने दिल्ली स्थित न्यूजक्लिक को वित्तपोषित किया, जिसने अपनी कवरेज को चीनी सरकार के मुद्दों से जोड़ा।"
नई रिपोर्ट के बाद क्या हुआ?
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के आने के बाद मामले में संसद में भी हंगामा हुआ। इसके बाद 17 अगस्त को दिल्ली पुलिस सक्रिय हुई और न्यूजक्लिक के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153A (2 समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 120B (आपराधिक साजिश) समेत कई धाराओं में नई FIR दर्ज की। 3 अक्टूबर को इसी FIR के आधार पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कार्रवाई की।
न्यूजबाइट्स प्लस
सिंघम का जन्म 13 मई, 1954 को अमेरिका में हुआ था। उन्होंने हावर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की और फिर 1993 में IT परामर्श कंपनी 'थॉटवर्क्स' की स्थापना की। इससे पहले उन्होंने कई वर्षों तक एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया था। सिंघम के पिता आर्चीबाल्ड विक्रमराजा सिंघम श्रीलंका के राजनीतिक विश्लेषक और इतिहासकार थे। सिंघम को 2009 में फॉरेन पॉलिसी पत्रिका द्वारा शीर्ष 50 वैश्विक विचारकों की सूची में नामित किया गया था।