गुजरात राज्यसभा उपचुनाव: भाजपा से बचाने के लिए कांग्रेस ने माउंट आबू भेजे 65 विधायक
गुजरात की 2 राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव से पहले कांग्रेस ने राज्य के अपने 65 विधायकों को राजस्थान के माउंट आबू भेजने का फैसला किया है। काग्रेस ने ये कदम भारतीय जनता पार्टी के उसके विधायकों को खरीद-फरोख्त के प्रयासों को रोकने के लिए उठाया है। पार्टी उपचुनाव में क्रॉस-वोटिंग से बचना चाहती है। कांग्रेस विधायकों को अगले 24 घंटे तक माउंट आबू में रखे जाने की उम्मीद है।
अमित शाह और स्मृति ईरानी की लोकसभा जीत से खाली हुईं सीटें
लोकसभा चुनाव में जीत से पहले गृह मंत्री अमित शाह और स्मृति ईरानी गुजरात से राज्यसभा सांसद थे। उनकी जीत से खाली हुई इन दोनों सीटों पर 5 जुलाई को मतदान होगा। भाजपा ने इन दोनों सीटों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर और OBC नेता जुगल ठाकुर को मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने अपनी पूर्व विधायक चंद्रिका चुडासमा और वालसाद से नेता गौरव पांड्या को मैदान में उतारा है। मुख्य टक्कर भाजपा और कांग्रेस के बीच है।
भाजपा के 100 और कांग्रेस के 71 विधायक
182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा में भाजपा के 100 और कांग्रेस के 71 विधायक हैं। कांग्रेस के 71 में से अल्पेश ठाकुर और धावासिंह जाला पार्टी से विद्रोह कर चुके हैं और उनके कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की उम्मीद बेहद कम है। अल्पेश के सभी पार्टी पदों से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस ने उनकी सदस्यता रद्द करने के लिए गुजरात हाई कोर्ट में अपील भी की थी, लेकिन कोर्ट ने ऐसा करने से मना कर दिया।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, भाजपा के दवाब के कारण उठाया कदम
इन दोनों के जाने के बाद कांग्रेस के पास 69 विधायक बचते हैं, जिनमें से 65 को माउंट आबू ले जाया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रवक्ता ने 'इंडियन एक्सप्रेस' को बताया, "हम आज शाम 4 बजे शिफ्ट करेंगे और भाजपा की दवाब की रणनीति के कारण ये एहतियात बरत रहे हैं।" उन्होंने बताया कि 3 विधायक, हिम्मत सिंह पटेल, इमरान खेडावाला और शैलेश परमार भगवान जगन्नाथ के जुलूस में शामिल होने के कारण नहीं आ पाए।
2017 में भी ऐसा कर चुकी है कांग्रेस
इससे 2017 गुजरात राज्यसभा चुनाव के समय भी कांग्रेस ने अपने 44 विधायकों को पहले आनंद और फिर बेंगलुरू के रिजॉर्ट में रखा था। तब अहमद पटेल उसके उम्मीदवार थे और पार्टी के लिए ये नाक का विषय बन गया था।
कहां ठहरेंगे विधायक, इसका नहीं किया खुलासा
प्रवक्ता से जब पूछा गया कि विधायक होटल में रहेंगे या रिजॉर्ट में तो उन्होने कहा, "राजस्थान में हमारी ही सरकार है और हमने अपने विधायकों के वहां ठहरने के लिए स्थानीय व्यवस्था की है।" बता दें कि कर्नाटक संकट के समय भी कांग्रेस ने अपने विधायकों को बेंगलुरू के एक गेस्ट हाउस में रखा था। विधायकों को टूटने से बचाने के लिए लगभग हर राजनीतिक पार्टी ऐसे कदम उठाती है।
दोनों सीटों पर होगा अलग-अलग मतदान
बता दें कि चुनाव आयोग की अधिसूचना के अनुसार, गुजरात की दोनों राज्यसभा सीटों पर अलग-अलग मतदान होगा। इसके कारण दोनों सीटों के आसानी से भाजपा के खाते में जाने की उम्मीद जताई जा रही है। कांग्रेस ने अलग-अलग मतदान कराने के चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। अलग-अलग चुनाव होने पर कांग्रेस को एक सीट जीतने की उम्मीद थी।