HIV संक्रमित महिला ने झील में कूदकर की आत्महत्या, ग्रामीणों ने खाली कर दी झील
कर्नाटक के मोबार गांव के लोगों ने 36 एकड़ में फैली झील को खाली कर दिया है। दरअसल, इस झील में HIV संक्रमित महिला ने कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद ग्रामीणों में यह डर बैठ गया कि अगर उन्होंने यह पानी इस्तेमाल किया तो वे भी HIV की चपेट में आ जाएंगे। धारवाड़ जिले में स्थित यह झील इस इलाके की सबसे बड़ी झील है और लोगों और पशुओं के पीने के पानी का स्त्रोत है।
ग्रामीण नहीं कर रहे पानी का इस्तेमाल
महिला द्वारा आत्महत्या करने के बाद ग्रामीणों ने प्रशासन को सूचित किया कि जब तक झील में ताजा पानी नहीं भरा जाएगा, तब तक वे इसे इस्तेमाल नहीं करेंगे। हुबली-धारावाड़ के CMO प्रभु बिरादर ने बताया कि महिला की आत्महत्या के बाद लोगों ने झील को खाली करना शुरू कर दिया। यह बिल्कुल निराधार है। HIV पानी के जरिए नहीं फैलता। एक ग्रामीण ने बताया कि लाश मिलने के बाद से किसी ने झील का पानी इस्तेमाल नहीं किया।
झील में भरा जाएगा ताजा पानी
घटना की जानकारी मिलते ही जिला पंचायत अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने ग्रामीणों से पानी को व्यर्थ नहीं करने की भी अपील की, लेकिन ग्रामीण अपनी बात पर अड़े रहे। जिला प्रशासन ने ग्रामीणों की मांग पर झील को खाली करना शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने 20 दिसंबर तक झील में ताजा पानी भरने की बात कही है। तब तक ग्रामीणों को मालाप्रभा नदी से पानी दिया जा रहा है।
ऐसे नहीं फैलता HIV
HIV का वायरस इतना ज़्यादा ख़तरनाक है कि इसको लेकर लोगों में कुछ भ्रांतियां फैली हुई हैं। कई लोग यह सोचते हैं कि संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क जैसे हाथ मिलाने, किस करने, संक्रमित व्यक्ति की चीज़ें इस्तेमाल करने, सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल करने, मच्छर या किसी कीड़े के काटने से संक्रमण फैलता है, जबकि सच्चाई यह है कि इनमें से किसी भी वजह से HIV नहीं फैलता। इसलिए संक्रमित व्यक्ति से भेदभाव करने की कोई ज़रूरत नहीं है।
इन तरीकों से फैलता है HIV
HIV के संक्रमण से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। किसी के साथ शारीरिक सम्बंध बनाएं तो कॉन्डोम का इस्तेमाल ज़रूर करें। नशीली दवाओं के इस्तेमाल और दुरुपयोग से बचें। भूलकर भी इस्तेमाल की गई सुई से इंजेक्शन न लगवाएं। संक्रमित ख़ून चढ़ाने से बचें। अगर गर्भवती महिला को HIV है तो समय-समय पर डॉक्टर से सलाह लेते रहे, जिससे पैदा होने वाले बच्चे को इसके संक्रमण से बचाया जा सकता है।