लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में कांग्रेस का वादा, LGBTQ+ की 'सिविल यूनियन' को कानूनी मान्यता देंगे
कांग्रेस ने शुक्रवार को जारी किए अपने घोषणापत्र 'न्याय पत्र' में समलैंगिक समुदाय के लिए भी बड़ी घोषणा की। उसने समुदाय में नागरिक भागीदारी (एक तरह से शादी) को कानूनी मान्यता देने का वादा किया है। कांग्रेस ने कहा है कि वह विस्तृत कानूनी परामर्श के बाद ऐसा कानून लाएगी, जो LGBTQIA+समुदाय के नागरिक भागीदारी (सिविल यूनियन) को कानूनी मान्यता देगा। बता दें कि कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भी समलैंगिक समुदाय के अधिकारों की बात की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी थी समलैंगिक विवाह को मान्यता
17 अक्टूबर को मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने एक ऐतिहासिक फैसले में समलैंगिक जोड़ों के विवाह करने या सिविल यूनियन बनाने के अधिकार को मान्यता देने से इनकार कर दिया था। 21 याचिकाओं पर 10 दिन सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि वो कानून नहीं बना सकता, केवल उनकी व्याख्या कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि विशेष विवाह अधिनियम में बदलाव का काम संसद और विधानसभा का है।
बुजुर्ग नागरिकों के लिए फिर से शुरू करेंगे छूट
कांग्रेस ने अपने न्याय पत्र में कहा कि उनकी सरकार बनने पर वह सड़क और रेल में बुजुर्गों को दी जाने वाली छूट को दोबारा से शुरू करेंगे। इसके साथ ही बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों की पेंशन में केंद्र सरकार के योगदान को 200 से 500 रुपये की जगह बढ़ाकर 1,000 रुपये करेगी। कांग्रेस ने वादा किया है कि वह ब्रेल लिपि और सांकेतिक भाषा को भाषा के रूप में मान्यता देगी।