NewsBytesExplainer: कर्नाटक में भाजपा और कांग्रेस के घोषणापत्रों में किए गए वादे और उनकी तुलना
क्या है खबर?
बुधवार को कर्नाटक चुनाव का मतदान होना है। इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने अपने-अपने घोषणापत्रों में कई लोकलुभावन वादे किए हैं।
जहां भाजपा ने अपने घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता (UCC) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) को प्रमुखता दी है, वहीं कांग्रेस ने आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानून बनाने का वादा किया है।
आइए दोनों ही प्रमुख पार्टियों के घोषणापत्रों का एक तुलनात्मक विश्लेषण करते हैं।
कृषि
किसानों से जुड़े वादे
किसानों के लिए भाजपा ने 1,000 उत्पादक संगठन बनाने, प्रत्येक ग्राम पंचायत में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा प्रदान करने और एग्रो प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना के लिए एग्री फंड स्थापित करने का वादा किया है।
कांग्रेस ने अगले 5 साल में किसान कल्याण के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये और फसल नुकसान की भरपाई के लिए प्रत्येक साल 1,000 करोड़ रुपये देने, दूध की सब्सिडी बढ़ाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने का वादा किया है।
महिला
महिलाओं से क्या वादे किए गए?
भाजपा ने अपने घोषणापत्र में महिला सुरक्षा के मद्देनजर बेंगलुरू को CCTV कैमरों से लैस करने का वादा किया है। इसके अलावा 30 लाख महिलाओं को मुफ्त बस पास और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के परिवारों की महिलाओं के लिए 10,000 रुपये तक का फिक्सड डिपॉजिट कराने की घोषणा की है।
कांग्रेस ने 'शक्ति योजना' के तहत बसों में महिलाओं के लिए नियमित मुफ्त यात्रा और परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया है।
BPL
BPL परिवारों के लिए वादे
भाजपा ने अपने घोषणापत्र में गरीबी रेखा से नीचे (BPL) आने वाले परिवारों को हर महीने राशन किट के माध्यम से प्रति परिवार 5 किलो अनाज या बाजरा, सालाना रसोई गैस के तीन मुफ्त सिलेंडर और प्रत्येक दिन आधा लीटर नंदिनी दूध देने का वादा किया है।
इसी क्रम में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में 'अन्न भाग्य' योजना के तहत BPL परिवारों के हर सदस्य को प्रति माह 10 किलो चावल देने का वादा किया है।
शिक्षा
शिक्षा को लेकर वादे
शिक्षा क्षेत्र में भाजपा ने 'विश्वेश्वरैया विद्या योजना' के तहत सरकारी स्कूलों को संवारने और शिक्षा के साथ-साथ रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिले में IIT की तर्ज पर एक कर्नाटक प्रौद्योगिकी संस्थान स्थापित करने की बात कही है।
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को खत्म करने का ऐलान करते हुए राज्य में अलग शिक्षा नीति लागू करने और कन्नड़ भाषा और संस्कृति के उत्थान के लिए कार्य करने का वादा किया है।
स्वास्थ्य
स्वास्थ्य को लेकर वादे
सत्तारूढ़ भाजपा ने BPL कार्ड धारकों को आयुष्मान भारत योजना और आरोग्य कर्नाटक के तहत 10 लाख रुपये का बीमा देने, प्रत्येक जिले में एक नर्सिंग कॉलेज, एक मेडिकल कॉलेज और एक सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल स्थापित करने और वरिष्ठ नागरिकों की हर साल मुफ्त स्वास्थ्य जांच कराने का वादा किया है।
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में सरकारी अस्पतालों में कर्मचारियों और डॉक्टरों के रिक्त पदों को भरने, मोबाइल प्राथमिक केंद्र खोलने और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का वेतन बढ़ाने जैसे वादे किये हैं।
युवा और रोजगार
युवाओं से क्या वादे किए गए?
भाजपा ने अपने घोषणापत्र में राज्य के 10 लाख युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने करने की बात कही है। इसके अलावा भाजपा के घोषणापत्र में युवाओं के लिए कुछ और खास नहीं है।
दूसरी तरफ कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में 'युवा निधि योजना' के तहत दो साल के लिए बेरोजगार स्नातकों को 3,000 रुपये और डिप्लोमा होल्डर्स को 1,500 रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया है।
विकास
विकास को लेकर वादे
भाजपा ने अपने घोषणापत्र में राज्य के 10 लाख बेघर लोगों को रहने के लिए मकान देने का वादा किया है। इस अलावा तुमकुरु और हुबली-धारवाड़ जैसे शहरों के विकास के लिए पायलट आधार पर सिंगापुर मॉडल को अपनाने और पर्यटन सर्किट के विकास के लिए 1,500 करोड़ रुपये देने का वादा किया गया है।
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में निर्माण इकाईयों को मजबूत करने और बुनियादी ढांचागत विकास को बढ़ावा देने की बात कही है।
अन्य
अन्य वादे
भाजपा ने राज्य की सत्ता में आने पर UCC और NRC को लागू करने और मुस्लिम आरक्षण को खत्म करके वोक्कालिंगा और लिंगायत समुदाय को देने का वादा किया है।
कांग्रेस ने सत्ता में आने पर प्रत्येक परिवार को हर महीने 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने, आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने और जन-विरोधी कानूनों को रद्द करने का वादा किया है।
इसके अलावा उसने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा भी किया है।