राजस्थान: अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठे सचिन पायलट, कांग्रेस बोली- ये पार्टी विरोधी
क्या है खबर?
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट राज्य की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ एक दिन के अनशन पर बैठ गए हैं। पायलट के इस कदम पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस ने इसे पार्टी विरोधी गतिविधि कहा है।
राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने ट्वीट कर कहा कि अगर पायलट को किसी तरह की कोई दिक्कत थी तो बात करनी चाहिए थी और इस तरह अनशन करना पार्टी हितों के खिलाफ है।
बयान
पायलट सवा साल उपमुख्यमंत्री रहे, तब मुद्दा नहीं उठाया- रंधावा
रंधावा ने पायलट के इस कदम पर सवाल उठाते हुए कहा कि पायलट सवा साल तक उपमुख्यमंत्री रहे, तब उन्होंने भ्रष्टाचार का मुद्दा क्यों नहीं उठाया।
उन्होंने आगे कहा, "मुझसे मुलाकात में कभी उन्होंने (पायलट ने) भ्रष्टाचार पर बात नहीं की। पार्टी फोरम में बात करने की जगह सीधे अनशन पर बैठना गलत है। पायलट का एक दिन का अनशन पार्टी हितों के खिलाफ है। यह पार्टी विरोधी गतिविधि है।"
बयान पायलट
रंधावा बोले- पायलट कांग्रेस के लिए अहम
रंधावा ने कहा, "पायलट को मुझसे बात करनी चाहिए थी। मैं मुख्यमंत्री गहलोत से बात करता। अगर उसके बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया जाता तो पायलट को अनशन पर बैठने का हक था, लेकिन उन्होंने पार्टी में मुद्दे को रखने की बजाय सीधे ही अनशन का रास्ता चुना, जो कि सही नहीं है। मैं उनके संपर्क में हूं और उनसे अभी भी विनम्र तरीके से बात करने की अपील कर रहा हूं क्योंकि वह कांग्रेस के लिए अहम हैं।"
जानकारी
शाम 5 बजे तक अनशन करेंगे पायलट
पायलट आज दोपहर 11 से शाम 5 बजे तक जयपुर के शहीद स्मारक पर अनशन करेंगे। धरना स्थल के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने ज्योतिबा फुले के स्मारक पर जाकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
आरोप
क्यों अनशन कर रहे पायलट?
पायलट ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अनशन करने का ऐलान किया था। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भाजपा नेता वसुंधरा राजे के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा था कि भाजपा की सरकार के दौरान जितने भी घोटाले हुए, वो सब दबा दिए गए।
पायलट ने इस दौरान विपक्ष में रहते हुए दिए गए गहलोत के बयानों के वीडियो भी दिखाए थे। इसमें गहलोत वसुंधरा सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं।
पुराने विवाद
पहले भी सरकार पर सवाल उठा चुके हैं पायलट
बीते दिनों पुलवामा शहीदों की पत्नियों के साथ बदसलूकी को लेकर भी पायलट ने गहलोत सरकार से कार्रवाई की मांग की थी। वे पेपर लीक पर भी सरकार को घेर चुके हैं।
पायलट और गहलोत के बीच लंबे समय से तनानती चल रही है। जुलाई, 2020 में पायलट 20 विधायकों के साथ बगावत करते हुए हरियाणा चले गए थे।
पिछले साल जब पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश की गई तो गहलोत समर्थित 81 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था।