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लोकसभा चुनाव: विपक्षी एकता के लिए नीतीश कुमार का 'एक सीट एक उम्मीदवार' फॉर्मूला, जानें रणनीति
नीतीश कुमार और कांग्रेस विपक्ष को एकजुट करने के लिए साथ आए

लोकसभा चुनाव: विपक्षी एकता के लिए नीतीश कुमार का 'एक सीट एक उम्मीदवार' फॉर्मूला, जानें रणनीति

लेखन आबिद खान
Apr 13, 2023
06:22 pm

क्या है खबर?

2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले के लिए विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव समेत कई नेताओं ने मुलाकात की। NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मुलाकात में नीतीश ने लोकसभा चुनाव में जीत के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के सामने 'एक सीट एक उम्मीदवार' का फॉर्मूला पेश किया। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

फॉर्मूला

क्या है 'एक सीट एक उम्मीदवार' फॉर्मूला?

जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने राय दी है कि विपक्ष 'वन सीट वन कैंडिडेट' (OSOC) फार्मूले पर काम करना शुरू कर दे और यह नीतीश का फॉर्मूला है। इस फॉर्मूले के तहत सभी विपक्षी दल संयुक्त रूप से चुनाव में उतरें और लोकसभा की सभी सीटों पर विपक्ष का एक-एक उम्मीदवार ही खड़ा किया जाए, यानी कि भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों के खिलाफ विपक्ष की ओर से केवल एक उम्मीदवार खड़ा हो।

रणनीति

क्या है फॉर्मूले के पीछे की रणनीति?

दरअसल, यदि विपक्षी दल सभी सीटों पर अलग-अलग उम्मीदवार खड़े करते हैं तो इससे भाजपा के सामने कई पार्टियों के प्रत्याशी खड़े हो जाते हैं। ये सभी प्रत्याशी आपस में ही एक-दूसरे के वोट काटते हैं, जिसका फायदा भाजपा को मिलता है और वह कम वोट प्रतिशत के बावजूद जीत जाती है। साल 1977 और 1989 में भी इसी फॉर्मूले के तहत संयुक्त विपक्ष ने चुनाव में सफलता हासिल की थी।

रणनीति दो

विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए बनी ये रणनीति

रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में निर्णय लिया गया कि कांग्रेस उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) जैसी समान विचारधारा वाली पार्टियों से बात करेगी। दूसरी तरफ नीतीश भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी पर रहने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) से बातचीत करेंगे। नीतीश के जिम्मे तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भारत राष्ट्र समिति (BRS) को मनाने का भी काम है।

नसीहत

फरवरी में नीतीश ने दी थी कांग्रेस को नसीहत

25 फरवरी को बिहार के पूर्णिया में महागठबंधन की रैली हुई थी। इसमें नीतीश ने कांग्रेस को सलाह दी थी कि वो देर न करे। तब नीतीश ने कहा था, "अगर आप (कांग्रेस) भाजपा से छुटकारा पाना चाहते हैं तो जल्दी फैसला लेना होगा। मैं कांग्रेस के जवाब का इंतजार कर रहा हूं। अगर हम एकजुट हुए और एकजुट होकर चुनाव लड़े तो 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पूरे देश में 100 सीटें भी नहीं मिलेंगी।"

शरद पवार

विपक्षी एकता पर शरद पवार दे चुके हैं झटका

अडाणी मामले में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के गठन को लेकर शरद पवार विपक्षी एकता को झटका दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर JPC की मांग करना सही नहीं है। हालांकि, बाद में स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा था, "अगर विपक्षी दलों के मेरे दोस्त JPC की मांग पर अड़ते हैं तो विपक्षी एकता की खातिर इसका विरोध नहीं करूंगा। मैं उनके विचार से सहमत नहीं हूं, लेकिन एकता के लिए उनका साथ दूंगा।"