जानें क्यों केंद्र सरकार के खिलाफ धरने पर बैठीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल में कोलकाता पुलिस और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की लड़ाई को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष बनाम भाजपा में बदल दिया है। कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पर CBI की छापेमारी को प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा की राजनीतिक साजिश बताते हुए वह धरने पर बैठी हुई हैं। ममता के समर्थन में पूरा विपक्ष एकजुट हो गया है और राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और चंद्रबाबू नायडू समेत कई नेताओं ने उनका समर्थन किया है।
शारदा चिटफंड घोटाले से जुड़े है तार
विवाद 2013 के शारदा चिटफंड और रोजवैली चिटफंड घोटाले से जुड़ा हुआ है। घोटाले में ममता सरकार ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था। अब मामले की जांच कर रही CBI का संदेह है कि राजीव ने मामले से जुड़े कई दस्तावेज उसे नहीं सौंपे हैं, जो उन्हें SIT जांच के दौरान प्राप्त हुए थे। इसी मामले में CBI राजीव और SIT के अन्य सदस्यों से पूछताछ करना चाहती थी।
ममता ने बताया मोदी की तानाशाही
पूछताछ के लिए राजीव को कई बार समन भेजा गया लेकिन वह CBI के सामने पेश नहीं हुए। आखिरकार रविवार को CBI की 40 अधिकारियों की टीम उनके घर आ धमकी, जिससे एक बड़ा राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया। CBI की कार्रवाई को मोदी की तानाशाही बताते हुए ममता रविवार रात 08:30 बजे से धरने पर बैठी हैं। उन्हें धरने को 'संविधान बचाने के लिए सत्याग्रह' का नाम दिया है और विपक्ष को एकजुट करने में लग गई हैं।
'अजीत डोभाल के इशारे पर काम कर रही CBI'
ममता ने ट्वीट करते हुए कहा, "कोलकाता पुलिस कमिश्नर दुनिया के सबसे अच्छे अधिकारियों में से एक हैं। उनकी सच्चाई, बहादुरी और ईमानदारी पर कोई सवाल नहीं उठा सकता।" केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा, "आपकी बिना वारंट के पुलिस कमिश्नर के घर तक आने की हिम्मत कैसे हुई? अजीत डोभाल वह सब कर रहे हैं जो उनके प्रधानमंत्री मोदी उनसे करने को कह रहे हैं। वही CBI को निर्देश दे रहे हैं।"
मामले पर ममता का ट्वीट
विपक्ष के लिए एकजुट होने का मौका
ममता और मोदी सरकार का यह टकराव इसलिए भी अहम है क्योंकि यह लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष को एकजुट होने और भाजपा को घेरने का मौका दे सकता है। बंगाल में जमीन बनाने की कोशिश कर रही भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच पहले से ही टकराव जारी है। ममता सरकार ने रोड शो और हेलिकॉप्टर लैंडिंग की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। ममता मौके को विपक्ष को गोलबंद करने के लिए भुनना चाहती हैं।
राहुल ने किया ममता का समर्थन
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई बड़े विपक्षी नेताओं ने ममता का समर्थन किया है। राहुल ने ट्वीट करके बताया, 'मैंने ममता दीदी से फोन पर बात की और उन्हें बताया कि हम उनके कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। पश्चिम बंगाल में हो रही घटनाएं मोदी और भाजपा द्वारा भारत की संस्थाओं पर जारी हमले की कड़ी हैं। पूरा विपक्ष इन फासीवादी शक्तियों के खिलाफ एक साथ खड़ा होगा और उन्हें हराएगा।'
'भारत की संस्थाओं पर हमला कर रहे हैं मोदी और भाजपा'
केजरीवाल ने भी दिया समर्थन
केंद्र सरकार से खुद कई बार टकरा चुके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ममता से फोन पर बात की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "मोदीजी ने लोकतंत्र और संघीय ढांचे का मजाक बना कर रख दिया है। कुछ साल पहले मोदीजी ने दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी संस्था शाखा को अर्धसैनिक बल भेज कर कब्जे में कर लिया था। मोदी-शाह की जोड़ी भारत और उसके लोकतंत्र के लिए खतरा है। हम इस कार्रवाई की आलोचना करते हैं।"
'मोदी-शाह की जोड़ी लोकतंत्र के लिए खतरा'
मंगलवार को मामले पर सुनवाई करेगी सुप्रीम कोर्ट
बंगाल से भारतीय जनता पार्टी सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने राज्य में राष्ट्रपित शासन लगाने की मांग की है। ताजा अपडेट के अनुसार, मामले में CBI ने राजीव से पूछताछ की मंजूरी के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने मामले की सुनवाई के लिए मंगलवार 5 फरवरी का दिन तय किया है। आशंका है कि ममता सरकार भी CBI की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।